अगले सात जन्म, पुलिस सेवा ही करना चाहूंगी, निर्भया के फ्लैग मार्च के दौरान जनता द्वारा पुष्प वर्षा,,हमारी आँखें नम कर देती है, महिला सुरक्षा एवं जागरूकता पर हुई ऑनलाइन चर्चा,,सुनीता मीना थी मुख्य वक्ता

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जयपुर 9जून 2020।(निक सामाजिक) खन्डेलवाल वैश्य गर्ल्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में महिला सुरक्षा एवं जागरूकता पर ऑनलाइन चर्चा का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता मीणा एडी.डी सी पी(नोडल अधिकारी, निर्भया टीम) रही
इनका अभिवादन महाविद्यालय प्राचार्या डॉ अंजु गुप्ता जी द्वारा किया गया। सुनीता मीणा जी ने अपने उद्बोधन में सभी को आत्मनिर्भर बनने की सीख उदाहरण द्वारा प्रस्तुत करते हुए दी और कहा कि कभी भी लेने वाले की भूमिका में नहीं रहना चाहिए,चाहे देने वाला पति ,बेटा या अन्य कोई भी हो। महिलाओं को हमेशा देने वाले की भूमिका में होना चाहिए आपने कहा कि किसी भी परिस्थिति में डरने की आवश्यकता नहीं है पुलिस हमेशा आपके साथ है ।
छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में एक उद्देश्य होना चाहिए ,जिंदगी केवल एक ही मौका देती है और वह मौका आज ही है ।यह सोच कर आगे बढ़ना चाहिए ।
छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्न के प्रत्युत्तर में सुनीता मीना ने कोविड-19 जैसी विपरीत परिस्थितियों में पुलिस व निर्भया टीम के द्वारा किए गए कार्यों से भी छात्राओं को अवगत कराया और कहा हमारी टीम ने जनता का पूरा सहयोग किया। जिन महिलाओं को हमारे सहयोग की आवश्यकता रही उन्हें पूरा सहयोग दिया गया।जैसे कई प्रेग्नेंट महिलाओं को अस्पताल सुरक्षित पहुंचाया गया और उनकी डिलीवरी समय पर कराई गई। मातृत्व दिवस पर पहली बार जो महिला मां बनी उनके लिए निर्भया टीम के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस आयोजन से खुश होकर सभी माताओं ने हमारे प्रति बहुत आभार व्यक्त किया ।हमारी टीम के लिए यह खुशी बहुत संतोष आत्मक रही ।अपने अनुभव को साझा करते हुए सुनीता मीना ने कहा कि जब हम सफेद मोटर साइकिल पर बैठकर सड़क पर निकलते हैं और लोग हमारे लिए हमारे सम्मान में तालियां ,घंटी और थालियां बजाते हैं तो हमारी आंखों में आंसू निकल आते है।
जनता के ऐसे सम्मान व सहयोग के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया और कहा पुलिस 24 घंटे आपकी सुरक्षा के लिए है आप बिना डरे हमारे पास आए ।
एडी.डी सी पी सुनीता मीना ने अपने ऊर्जावान उद्बोधन में अभिभावकों को भी संबोधित करते हुए कहा कि सभी को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए ताकि बच्चों को अच्छा एवं जिम्मेदार नागरिक बनना सके। सुनीता मीना ने छात्राओं को पुलिस सेवा में आने का सुझाव भी दिया और कहा कि यह अति सम्मानजनक सेवा का क्षेत्र है।

यदि मैं सात जन्म लूंगी तो भी मैं पुलिस सेवा में ही आना चाहूंगी। छात्राएं निर्भीक होकर पुलिस सेवा में आए। और समाज व देश की सेवा करें व स्वयं भी उन्नति करें।
कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा अनेक प्रश्न पूछे गए। छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ वेबीनार में भाग लिया तथा इस वेबीनार को ज्ञानवर्धक और ऊर्जावान बताया। 100 छात्राएं गूगल मीट के माध्यम से वेबीनार से जुड़ी तथा एक हजार से ज्यादा छात्राएं व उनके परिवार-जन, महाविद्यालय के ट्रस्टी तथा व्याख्याता गण फेसबुक पर इस कार्यक्रम से जुड़े।