नारायणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल जयपुर में डॉक्टरों ने निकाला ब्रेन ट्यूमर, मरीज़ होश में जपता रहा,गायत्री मंत्र, देखने को मिला विज्ञान और आस्था का अनूठा संगम,,

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जयपुर, 10 अगस्त,2021(निक चिकित्सा) हाल ही में नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर में विज्ञान और आस्था का एक अनूठा संगम देखने को मिला। 57 वर्षीय सेना से रिटायर्ड हवलदार रिढमल राम की होश में रहते हुए जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी की गई और इस दौरान वे गायत्री मंत्र का जाप कर रहे थे। सर्जरी से पहले मरीज को बार-बार मिर्गी के दौर आते थे जिसके कारण अस्थाई रूप से उनकी आवाज भी कुछ देर के लिए चली जाती थी। यह सर्जरी सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. के.के. बंसल के नेतृत्व में की गई। ऐसी ही एक सर्जरी 2018 में डॉ. के.के. बंसल द्वारा की गई थी जहाँ 30 वर्षीय कम्प्यूटर अकाउंटेंट हुलास मल जांगीर के ब्रेन ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया था जब वह हनुमान चालिसा का जाप कर रहा था। ऐसी अनूठी न्यूरो सर्जिकल प्रकिया को अवेक क्रैनियोटोमी या अवेक ब्रेन सर्जरी के नाम से जाना जाता है और देश में अब तक ऐसे बहुत कम ही मामले रिपोर्ट हुऐ है।
57 वर्षीय चुरू निवासी श्री रिढमल राम को बार-बार मिर्गी के दौर आते थे जिसके कारण अस्थाई रूप से उनकी आवाज भी कुछ देर के लिए चली जाती थी। आवश्यक जाँचे कराने पर लो ग्रेड ब्रेन ट्यूमर की डायग्नोसिस हुई, ब्रेन के स्पीच एरिया में। ब्रेन ट्यूमर ऐसी जटिल जगह पर था कि सर्जरी से मरीज की बोलने की क्षमता जा सकती थी और लकवा होने का भी खतरा था। फिर मरीज को नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर लाया गया जहां सीनियर न्यूरो सर्जन एवं ब्रेन ट्यूमर सर्जरी एक्सपर्ट डॉ. के के बंसल ने सफलतापूर्वक ब्रेन ट्यूमर को मरीज के होश में रहते हुए निकाला।
दिमाग के देखने, बोलने या शरीर की मुख्य गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले हिस्से में से ट्यूमर को निकालने के लिए ‘अवेक ब्रेन सर्जरी या अवेक क्रैनियोटोमी’ नामक नवीनतम तकनीक विश्वभर में प्रचलन में है। इसकेस में ट्यूमर दिमाग के उस हिस्से में था जहां से बोली एवं शरीर की मुख्य गतिविधियां नियंत्रित होती है। यह सर्जरी इसलिए भी चुनौतिपूर्ण थी, क्योंकि सर्जरी के दौरान छोटी सी गलती भी हो जाने पर मरीज बोलने की क्षमता खो सकता था। सुनने, समझने और आदेश की पालना करने की क्षमता को जाँचने के लिए-न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पृथ्वी गिरी एवं डॉ. मधुपर्णा पॉल ने सर्जरी के दौरान मरीज को बार-बार अपनी उंगलियों, पैर आदि को हिलाने का आदेश दिया।
मरीज के होश में रहते हुए निकाला ट्यूमर –
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. के के बंसल ने बताया कि सामान्य ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में मरीज को बेहोश कर दिया जाता है। अवेक ब्रेन सर्जरी में मरीज की प्रतिक्रिया की लगातार निगरानी की जा सकती है, जिससे सर्जन को मस्तिष्क के अन्य क्षेत्रों को बिना नुकसान पहुंचायें सटीक स्थान का पता लगाने में मदद मिलती है।

इस केस में मरीज को गायत्री मंत्र का जाप करने एवं आदेश अनुसार अपने उंगलियों को हिलाने के लिए कहा जाता रहा। उसकी तुरंत प्रतिक्रिया से हमें सर्जरी को सुरक्षित रूप से अंजाम देने में सहायता मिली, क्योंकि जब भी हम गलत हिस्से को छेड़ते थे तो मरीज को स्पीच अरेस्ट हो जाता था।
सर्जरी के बारे में और बताते हुए नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. माला ऐरन ने कहा कि, चार घंटे चली इस सर्जरी में हाई एंड माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल हुआ जिससे ब्रेन एरिया को बारीकी से देखने में मदद मिली। ऐसी सर्जरी देश में केवल चुनिन्दा केन्द्रों पर ही की जा सकती है जिसमें अनुभवी न्यूरो सर्जिकल टीम की आवश्यकता होती है।
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर बलविंदर सिंह वालिया ने कहा कि, हमें खुशी है कि हम नवीनतम तकनीकों के माध्यम से मरीज का सफलतापूर्वक ईलाज कर सके और अब वह सामान्य जिंदगी जी सकता है।
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एनएच जयपुर 330 बेड्स की क्षमता वाला मल्टीस्पेशेलिटी टर्शरी केयर अस्पताल है जो दक्षिणी जयपुर के प्रताप नगर में स्थित है। 4.7 एकड़ कैंपस में फैला यह अस्पताल न केवल राजस्थान के निवासियों बल्कि सीमा से जुड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश को उच्च गुणवत्ता के किफायती इलाज देता है।

    मरीज़ों कोसमग्र स्वास्थ्य सेवाएं देने के बहु-विषयक दृष्टिकोण के लिए इस अस्पताल को जाना जाता है। एनएच जयपुर के पास देश, विदेश के टॉप इंस्टिट्यूशंस में प्रशिक्षित स्पेशेलिट्स की टीम है जो इलाज और प्रोसीजर में अन्तर्राष्ट्रीय अनुभव भी जोड़तीं है।