जय श्री राम,,, स्वामी सौरभ राघवेंद्र आचार्य ने मुख्यमंत्री गहलोत से,भवानी सिंह राजावत व भरत सिंह के शराब पर दिये बयान पर संत समाज की ओर से की घोर निंदा,,,,

1000

जयपुर 1 मई 2020। (निक धार्मिक)संत समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं रघुनाथ धाम के पीठाधीश्वर स्वामी सौरभ राघवेंद्र आचार्य महाराज ने बताया कि उनको जब आज सुबह मीडिया के माध्यम से पता चला कि पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत एवं दूसरे विधायक विधायक भरत सिंह के द्वारा शराब पर बेतुके तर्क देते हुए माननीय मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और पत्र में बहुत ही गलत शब्दों का प्रयोग में लिया गया है ,पत्र में देवताओं पर गलत टिप्पणी करी गई है देवताओं को शराबी बताया गया है।
इस बात पर मीडिया के माध्यम से सन्त समाज ने कड़ी निंदा जाहिर की,और इस बेतुके तर्क पर महाराज ने बताया कि जब मीडिया के माध्यम से उनको पता चला कि भवानी सिंह राजावत जो कि पूर्व विधायक है उन्होंने कहा कि देवता भी सोमरस (शराब) का पान करते, और दूसरे विधायक भरत सिंह जी कहते हैं कि शराब में अल्कोहल आता है जोकि सैनिटाइज का कार्य कर रहा है इसलिए शराब को पिलाने से गले का सैनिटाइज हो जाएगा और गला तुरंत ठीक हो जाएगा।

दोनों विधायक महोदय ने इस बात माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को पत्र लिखकर मांग कर डाली की दारू (उनके अनुसार कथित सोमरस) पुनः चालू करनी चाहिए। इस बात पर सौरभ राघवेंद्र आचार्य महाराज बहुत बुरी तरह भड़क उठे हैं । संत समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते एवं जनता में धर्म का प्रचार करने के लिए धर्मगुरु के पद पर होने के नाते, उन्होंने बताया कि वेद पुराणों,शास्त्रों इत्यादि में कहीं पर भी देवताओं का दारू शराब से कोई नाता नहीं है। वैसे शास्त्रों के अनुसार सोमरस और दारू में भी बहुत अंतर है। महाराज ने बताया कि भवानी सिंह राजावत ने हमारे देवताओं का अपमान किया है तथा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है, वही दूसरी ओर देश में फैल रही ऐसी घोर महामारी पर बेतुके बयान देकर यह एमएलए जनता को भ्रमित कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह इन दोनों विधायक महानुभाव पर दंडनीय कार्रवाई करे। तथा उनके खिलाफ कोर्ट में सरकारी वकील के जरिए जनता को भड़काना, जनता को भ्रमित करना, जनता को शराब के प्रति प्रेरित करना, नशे का प्रचार करना, देवताओं पर गलत टिप्पणी करके लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, हिंदू धर्म को शराबी बताना,इत्यादि धाराओं में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए। ताकि यह यह विधायक महोदय सभ्य समाज को शराब पर गुणगान करते हुए भ्रमित करने की जरूरत ना करें और ना ही किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की जरूरत करें।