दुर्घटना के शिकार लोगों के जीवन को बचाने के उद्देश्य से , फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर ने एन एस एस बच्चों और मूक- बधिर बच्चों के लिए बीएलएस ट्रेनिंग का आयोजन किया

754

जयपुर, 26-12-19।(निक मेडिकल) फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर के एनेस्थीसिया विभाग ने आज राजा रामदेव पोद्दार सीनियर सेकेंडरी स्कूल के एन एस एस के बच्चों और मूक-बधिर बच्चों को दी बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) ट्रेनिंग | क्योंकि दुर्घटना के दौरान आस पास मौजूद हर एक व्यक्ति की पीड़ित की जान बचाने में भूमिका अहम हो सकती है। यह ट्रेनिंग शहर के राजा रामदेव पोद्दार सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सात दिवसीय कार्यक्रम में आयोजित किया गया| बीएलएस ट्रेनिंग में लगभग 100 बच्चो ने व्यक्तिगत प्रशिक्षण किया|

प्रशिक्षण में सीपीआर, परिवहन देखभाल, आपात स्थिति की पहचान, ट्रॉमा मैनेजमेंट , आपातकालीन स्थिति की पहचान, फर्स्ट ऐड प्लास्टर की जानकारी दी गई । बीएलएस ट्रेनिंग डॉ. राजीव लोचन तिवारी, डायरेक्टर- एनेस्थीसिया, डॉ. ऋतू शर्मा, एडिशनल डायरेक्टर- एनेस्थीसिया, डॉ. प्रेणा एवं डॉ. प्रियवर्त, डी. एन. बी छात्र के नेतृत्व में दी गई|

दुर्घटना होने से अस्पताल पहुंचने के बीच यदि पीड़ित को उपयुक्त सीपीआर दी जाए तो गंभीर आघात के कारण हृदय और मस्तिष्क के बीच संपर्क को पुनः स्थापित कर पीड़ित की जान बचाई जा सकती है दुर्घटना के बीच प्रारंभिक 30 मिनट पीड़ित के उपचार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है इनमें किया गया उपचार पीड़ित की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | पिछले एक दशक में पूरे भारत में वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ, दुर्घटनाओं और आघात की चोटों में भी वृद्धि हुई है। सीपीआर परिचित फर्स्ट रेस्पॉन्डर दुर्घटना पीड़ित की जान बचा सकता है आंकड़ों के अनुसार उचित समय पर सीपीआर देकर लगभग 30 परसेंट दुर्घटना के शिकार पीड़ित को बचाया जा सकता है|

“हर एक व्यक्ति के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण एक आवश्यक जीवन कौशल है जो दुर्घटना, आघात या हृदय गति रुक जाना (कार्डियक अरेस्ट ) जैसे अप्रत्याशित कारकों के कारण बड़ी संख्या में मौतों को रोक सकता है। आज की कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को प्रशिक्षित करना था क्योंकि इस तरह की दुर्घटनाओं में हर एक व्यक्ति का शिक्षित होना अति महवत्पूर्ण है और इसलिए हमने उन्हें तब तक प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया जब तक घायलों को अस्पताल नहीं ले जाया जाता है। दुर्घटना स्थल पर दी गई सीपीआर एवं पीड़ित के उपचार के सकारात्मक परिणाम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है,” डॉ. राजीव लोचन तिवारी, डायरेक्टर- एनेस्थीसिया, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा ।