एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री (इंडिया) और जेके सीमेंट लिमिटेड ने शुरू की टेक्नोलॉजी ऑफ होम नॉलेज सीरीज – मास्टरक्लास,,

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एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री (इंडिया) और जेके सीमेंट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से निर्माण कार्य को और सुदृढ बनाने की नॉलेज के साथ देश के कार्यरत सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स को सशक्त बनाने के लिए टेक्नोलॉजी ऑफ होम नॉलेज सीरीज - मास्टरक्लास इनिशिएटिव की शुरूआत की है*

जयपुर 6 नवंबर 2022।(निक वाणिज्य) वर्तमान में भारत निर्माण उद्योग नई तकनीकों की उपलब्धता, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, नई निर्माण सामग्री इत्यादि के मामले में बहुत सारे बदलावों के दौर से गुजर रहा है, साथ ही आम लोगों और उद्योग के सभी हितधारकों की आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हमेशा बढ़ती जा रही हैं। ऐसे हालात में यह जरूरी हो गया है कि देश मे कार्यरत सिविल इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स निर्माण की गुणवत्ता और उनके कौशल को सशक्त बनाने के लिए लगातार ज्ञान के साथ खुद को उन्नत करें। एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री (इंडिया) एवं जेके सीमेन्ट लिमिटेड विभिन्न प्रयासों के माध्यम से देश में निर्माण की सम्पूर्ण बेहतरी के लिए ज्ञान और समर्थन के साथ उद्योग के हितधारकों को सशक्त बनाने के मिशन को आगे बढ़ा रही है। इन प्रयासों में एक है टेक्नोलॉजी ऑफ होम नॉलेज सीरीज - मास्टरक्लास, जो कि एक विशेष रूप से क्यूरेटेड सत्र है जो निर्माण विधियों एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयो में तेजी से बदलाव के बारे में जानकारी देता है और कार्यरत सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स की मदद करता है।
इस इनिशिएटिव के बारे में जयपुर मे एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री (इंडिया) के ट्रस्टी और महानिदेशक रजनीश दासगुप्ता, तथा जेके सीमेन्ट लिमिटेड के ग्रुप प्रेसिडेन्ट सेल्स एण्ड मार्केटिंग पुष्पराज सिंह ने बताया कि, इन सत्रों को आईआईटी के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के नेतृत्व में विशेष रूप से तैयार किया गया है, जो सामान्य रूप से सिविल इंजीनियरों और विशेष रूप से अनुभवी इंजीनियरों से अपेक्षाओं के व्यापक स्पेक्ट्रम को प्रस्तुत करने की कोशिश करेंगे, और कार्यरत इंजीनियरों के निरंतर कौशल उन्नति की बढ़ती आवश्यकता पर उपयुक्त पेशेवर पहल के माध्यम से प्रकाश डालेंगे। उन्होंने बताया कि ये सत्र जिन्हें हम अपने पहले चरण में भारत के छह शहरों में विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं, निर्माण विधियों में तेजी से बदलाव, अधिक टिकाऊ निर्माण कार्यों को अपनाने के लिए दबाव एवं प्रोजेक्ट के एक अनुभवी इंजीनियर और जीवन चक्र प्रबंधन की भूमिका और आशाओं में गहन बदलाव, रखरखाव के मुद्दों की जानकारी, मौजूदा बुनियादी ढांचे को फिर से तैयार करने जैसे विभिन्न विषयो पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

इस अवसर पर एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री (इण्डिया) के ट्रस्टी और महानिदेशक रजनीश दासगुप्ता ने कहा कि, बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के मामले में सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्चर्स की भागीदारी निश्चित रूप से अधिक और महत्वपूर्ण होती है, लेकिन जब भारत में व्यक्तिगत घरों के निर्माण की बात आती है, तो मालिक अक्सर एक सिविल इंजीनियर की पेशेवर सेवाओं को नहीं लेना चाहते हैं, नतीजतन उनकी इमारते न तो सही तरीके से मजबूत बन पाती है न ही वे अधिक समय तक पूरी तरह से टिक पाती है। हमें यह समझना होगा कि सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट किसी भी निर्माण की रीढ़ की हड्डी होते हैं, इसलिए किसी भी निर्माण के लिए उन्हें काम पर रखने के लिए निवेश करना बहुत जरूरी हो जाता है।
देश में निर्माण पद्धति में लगातार हो रहे बदलाव के साथ, भारत में निर्माण की बेहतरी के लिए कार्यरत सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स को ज्ञान के साथ सशक्त बनाना बहुत जरूरी हो गया है। यही वजह है कि एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया ) और जेके सीमेंट लिमिटेड ने टेक्नोलॉजी ऑफ होम नॉलेज सीरीज - मास्टरक्लास इनिशिएटिव की शुरुआत की है, जिसमे नया भारत के निर्माण में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और समाधानों के बारे में चर्चा की जाएगी।

    जेके सीमेन्ट लिमिटेड के ग्रुप प्रेसिडेन्ट सेल्स एण्ड मार्केटिंग श्री पुष्पराज सिंह, ने इस अवसर पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, निर्माण और इस सृजन का भविष्य उन लोगों पर निर्भर है जो ‘बिल्ड सेफ‘ के आधार स्तंभ सुरक्षा, स्थिरता और विश्वसनीयता में विश्वास करते हैं। चाहे वह सीमेन्ट हो या कंक्रीट, यहां तक कि सबसे छोटी सामग्री के लिए भी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। शहर के
    गतिशील विकास के अनुरूप निर्मित वातावरण का स्मार्ट और सुचारू संचालन इस समय जरुरत बन गया है। राष्ट्र की सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करने के लिए युवा पीढ़ी के बीच नवीन विचारों और स्पष्ट दृष्टि को विकसित करना अनिवार्य है। नॉलेज और स्किल का सही मिश्रण समर्पित इंजीनियरों को सक्षम बना सकेगा और वे प्रॉबलम सॉल्वर बनने और सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि जेके सीमेंट द्वारा विशेष रूप से क्यूरेट किया गया यह मास्टरक्लास सिविल इंजीनियरों को निर्माण में नवीनतम इनोवेशन की बारीकियों को समझने में मदद करेगा। एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इण्डस्ट्री की टीम को उनके अथक और जबरदस्त प्रयास के लिए मैं तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
    आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफ़ेसर (डॉ.) सुधीर मिश्रा ने कहा, ‘‘इंजीनियर और आर्किटेक्ट किसी भी संचरना के निर्माण और रखरखाव में अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हैं। उन्हें न केवल पेशेवर के रूप से सक्षम होने की जरूरत है, बल्कि उनके कंधों पर टिकी सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा टेक्नोलॉजीज में तेजी से बदलाव, निर्माण प्रथाओं और हितधारक सम्बन्धों में मापदण्ड बदलाव के साथ, यह स्पष्ट है कि कॉलेजों में मौजूदा समय में चल रहे पाठ्यक्रम उनके लिए इस पेशे की इन जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगे यह होम नॉलेज सीरीज टेक्नोलॉजी मास्टरक्लास की पहल निर्माण पेशेवरों के लिए उपयुक्त जागरूकता सृजन और सतत शिक्षा की दिशा में एक कदम है।
    जेके सीमेन्ट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेन्ट (सीटीएस ग्रे) शकुन वैद्य ने इस अवसर पर ‘क्राइसिस ऑफ ड्यूरिबलेटीज इन कस्ट्रक्शन ‘‘ शीर्षक नाम से अपना एक पेपर भी पेश किया और कहा ‘‘भारत में इन दिनों निर्माण उद्योग, परीक्षणों और अशांति का सामना कर रहा है, जिनमें ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तनन, हमारे पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों के बिना सतत विकास और आर्थिक विकास प्राप्त करने की क्षमता के साथ ही हमें दीर्घकालिक स्थायित्व और सेवा जीवन प्रदर्शन सुनिश्चित करने में चुनौती दे रहें हैं। किसी भी कार्यरत सिविल इंजीनियरों और वास्तुकारों के लिए ये बहुत बड़ी चुनौतियां हैं, जो इन बाधाओं को दूर करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इण्डिया) के सहयोग से जेके सीमेंट लिमिटेड टेक्नोक्रेट्स को विभिन्न पहलों के माध्यम से इन चुनौतियों को दूर करने के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ सशक्त बना रहा है। जिनमें टीओएच मास्टरक्लास के इस विशेष रूप से क्यूरेट किया गया सत्र भी प्रमुख है, क्योंकि दृढ़ता के साथ ही हमारा मानना हैं कि केवल लेन-देन के बजाय टेक्नोक्रेट के साथ साझेदारी में काम करने से भारत में निर्माण की बेहतरी में मदद मिलेगी।