जीएसटी दर 12 से 5 फीसदी नहीं की तो,खत्म हो जाएगा फुटवियर व्यापार, होलसेल फुटवियर व्यापारियों ने जिलाधीश जयपुर के जरिए प्रधानमंत्री मोदी को दिया ज्ञापन,,

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जयपुर 7 जनवरी 2022।(निक वाणिज्य)सरकार द्वारा फुटवियर उत्पादों पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के बोझ को फुटवियर व्यापार बर्दाश्त नहीं कर पाएगा और खत्म हो जाएगा। जयपुर फुटवियर होलसेलर संघ के अध्यक्ष गोरधन तनवानी ने यह बात कहते हुए जानकारी दी कि लम्बे समय से चली आ रही मंदी के चलते देश में कई फुटवियर प्रतिष्ठान जहाँ बंद हो चुके हैं वहीं कई बंद होने के कगार पर हैं। ऐसे में जीएसटी की दर बढ़ना व्यापार के लिए कोढ़ में खाज साबित हो रहा है और अपना अस्तित्व बचाने के लिए जी-जान एक कर रहा है।

तनवानी का कहना है कि देश का फुटवियर व्यापार कोरोना की मार से अभी तक नहीं उबर सका है। ऐसे में जीएसटी की दर में वृद्धि करना व्यापार के लिए विपरीत कदम साबित होगा। इस समय फुटवियर जगत का समस्त कारोबार अस्त-व्यस्त है। वर्तमान में एक ओर जहाँ टर्नओवर जबरदस्त रूप से प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर बाजार में नकद का प्रवाह भी समाप्त प्राय: हो गया है। जिसके परिणामस्वरूप व्यापार का दैनिक संचालन और बैंक सम्बन्धी ईएमआई आदि भुगतान भी संकट में आ गए हैं।
संघ के मुख्य संरक्षक मनोहर मंगतानी का कहना है कि जीएसटी से पहले सस्ते जूतों पर कर नहीं था। फुटवियर पर जीएसटी कर की दर 12 प्रतिशत हो जाने से होलसेलरों के पास जो क्लोजिंग स्टॉक है, उस पर सीधा 7 प्रतिशत का नुकसान होगा। 95 फीसदी फुटवियर 1000 रुपए से कम में बिकने वाला होने के कारण फुटवियर की कीमतें बढ़ जाएगी, जिसकी मार गरीब जनता पर पड़ेगी। जीएसटी की दर बढ़ने की वजह से बाजार में मंदी आ गई है। फुटवियर पर 5 प्रतिशत की पिछली दर सर्वमान्य थी इसलिए इसे बढ़ाया जाना तर्कसंगत नहीं है। कर की दर बढ़ाए जाने से जूता व्यापार पर निश्‍चय ही विपरीत असर पड़ेगा। कोरोना की मार के बाद जीएसटी कर 5 से 12 प्रतिशत करने का निर्णय फुटवियर व्यापार की कमर तोड़ने वाला साबित होगा।
संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयराम पमनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले ही कई फुटवियर इकाइयाँ या तो बंद हो चुकी है और कइयों के बंद होने की नौबत आ गई है। फुटवियर व्यापार पहले ही सरकार से कर विसंगति को समाप्त करने की बात कर रहा था लेकिन ऐसा न करके कर बढ़ा देने से व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। जीएसटी दर बढ़ने से एक बार फिर बिलिंग का काम कच्चे और पर्चियों पर चले जाने की आशंका है, जिससे सरकार के राजस्व पर विपरीत असर पड़ेगा। इससे व्यापार प्रतिस्पर्धा और बिक्री पर भी विपरीत असर पड़ेगा।
संघ के सचिव श्री शशिप्रकाश गुप्ता के अनुसार जीएसटी की दर बढ़ाए जाने से एक ओर माँग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और दूसरी ओर व्यापार की ग्रोथ भी प्रभावित होगी और सबसे बड़ा असर रोजगार पर पड़ेगा। रोजगार की कमी आने से बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने तत्कालीन वित्त मन्त्री श्री अरुण जेटली के एक वक्तव्य का उल्लेख करते हुए बताया कि जेटली जी ने एक बार यह बात कही थी कि गरीब आदमी और अमीर आदमी के उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स में फर्क होना चाहिए। गरीब आदमी के उपयोग की वस्तुओं पर कम टैक्स लगने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि हवाई चप्पल (फुटवियर) पर कम टैक्स लगना चाहिए। उन्होंने इसे इनडायरेक्ट टैक्स की ईमानदारी की संज्ञा दी थी।

    संघ के मुख्य सलाहकार राजेन्द्र खंडेलवाल ने जीएसटी दर में वृद्धि का पुरजोर विरोध करते हुए सरकार से कहा है कि देश के फुटवियर व्यापार द्वारा पूर्व में भी समय-समय पर सरकार से फुटवियर व्यापार को गति व प्रोत्साहन देने के लिए उचित कदम उठाए जाने की माँग की गई है। ऐसे में जीएसटी की दरों में वृद्धि किया जाना फुटवियर व्यापार के लिए एक सकारात्मक कदम नहीं है इसलिए सरकार द्वारा अपने इस निर्णय पर जनता और फुटवियर व्यापार जगत के हित में उचित निर्णय कर इसे राहत पहुँचाने का कार्य किया जावे।

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