क्या कोरोना में चंदा उगाही के मकसद से बनाया गया है जल्दबाजी में राजस्थान नर्सेज वुमन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन,,, कहीं पदलोलुपता व अति महत्वाकांक्षिता की शिकार तो नहीँ ,विनीता शेखावत,,स्वयम्भू संगठन की प्रदेश अध्यक्ष बन करना चाहती है अपनी जीजिविषा शान्त,,, बिना रजिस्ट्रेशन नम्बर व लैटर हेड के क्यों बनाया गया है यह नया संगठन,,यह जाँच का विषय है,, कुछ दिनों पूर्व भी विनीता शेखावत, दो अन्य नर्सेज संगठनों के लेटर हेड पर अपना नाम छपवा उसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर चुकी है,इसीलिए फरवरी में हुए चुनावों के बाद कार्यकारिणी में विनीता शेखावत को स्थान नहीं दिया गया,,,,,

1217

कुछ संगठन मीडिया को मैनेज कर खबर लगवा अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं,
पर सनद रहे हर मीडिया मैनेज नहीं होता,,,,
विनीता शेखावत से उपरोक्त सवाल व्हाट्सएप पर वह फोन के जरिए भी पूछे गए पर वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई,,
जयपुर 24 जून 2020।(निक विशेष) आखिर क्या ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से राजस्थान के महिला नर्सेज को एक अलग नर्सेज संगठन खड़ा करने की आवश्यकता पड़ी, जबकि प्रदेश में विगत पांच वर्षों से राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन (एकीकृत) बना हुआ है, जो कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों की समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष समय-समय पर अपनी मांगें रखकर सरकार को नर्सिंग कर्मियों की समस्याओं से अवगत करवाता रहता है। ऐसे में गौर करने वाली बात ये है कि राज्य में सभी नर्सिंग कर्मियों के लिए वर्ष 1990 से ही संचालित राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसियशन (एकीकृत) कार्यरत है, इसके बावजूद बुधवार को आनन-फानन में एक नए नर्सिंग संगठन “राजस्थान नर्सेज वुमन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन” को जन्म दे दिया गया है। खुद को इस संगठन की प्रदेश अध्यक्षा घोषित करने वाली विनीता शेखावत ने बुधवार को शहर के सी-स्किम स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पत्रकारों को इस नए संगठन की जानकारी दी। जबकि उनकी तरफ से मीडिया में जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में घोषित कार्यकारिणी में इस संगठन का लैटर हैड नहीं है केवल एक साधारण पेज पर संगठन की घोषित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के नाम लिखे हुए हैं। और तो और संगठन का रजिस्ट्रेशन नम्बर व दिनांक भी अंकित नहीं है जबकि कोई भी नया संगठन बनता है तो उसका लेटर हैड व उस पर संगठन का पंजीकरण नम्बर व दिनांक अंकित होना अनिवार्य है। तभी जाकर संगठन व उसकी कार्यकारिणी को विधिपूर्वक माना जा सकता है। अब सवाल ये आता है कि आखिर इतनी जल्दबाजी में एक नए नर्सेज संगठन की आवश्यकता क्यों पड़ गई, कहीं ऐसा तो नहीं कि पुराने संगठन के पदाधिकारियों के बीच कोई आपसी मतभेद की वजह से ही नया संगठन बनाना पड़ा है या फिर केवल चर्चा में आकर वाहवाही लूटने के लिए ही इस नए संगठन को तैयार किया गया है।

*नया संगठन “राजस्थान नर्सेज वूमेन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन” की कार्यकारिणी*

विनिता शेखावत ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तर पर महिला नर्सेज मंच की आवश्यकता महसूस करते हुए 24 जून को सर्वसम्मति से राजस्थान का पहला महिला नर्सेज संगठन “राजस्थान नर्सेज वूमेन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन” का गठन किया गया है, जिसमें समस्त मेडिकल कॉलेजों से आए प्रतिनिधि एवं प्रदेश स्तर पर नर्सेज के विभिन्न संवर्ग जैसे एएनएम एलएचवी नर्सिंग ट्यूटर एवं नर्स ग्रेड प्रथम नर्स ग्रेड द्वितीय नर्सिंग अधीक्षक सहित अन्य संवर्ग के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर समस्त प्रतिनिधियों ने विनीता शेखावत को सर्वसम्मति से राजस्थान नर्सेज वूमेन वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया और उन्होंने संगठन की प्रधान संरक्षक कमलेश शर्मा की सहमति से राजस्थान प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इसमें प्रदेश महामंत्री सुरज्ञान चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता धारीवाल, गीता जैन व बबीता चौहान, प्रदेश सचिव सरिता सैनी, नेहा मेहता व सुशीला और प्रदेश संयुक्त सचिव अंजू गौड़ व निर्मला शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता आराधना पंवार व प्रदेश कोषाध्यक्ष सरिता मान को मनोनीत किया गया है। इनके साथ ही सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के अंतर्गत आने वाले विभिन्न अस्पतालों में संयोजक भी मनोनीत किए गए, जिसमें सवाई मानसिंह चिकित्सालय में सरोज बाला, जेके लोन अस्पताल में मीना नायर, महिला चिकित्सालय में सुशीला, जनाना अस्पताल में अनीता गढ़वाल, कांवटिया अस्पताल में लक्ष्मी डांगी, आरयूएचएस अस्पताल में रीना पांडे, मनोचिकित्सा केंद्र में प्रेमलता चौधरी, डेंटल अस्पताल में संतोष जांगिड़ व गणगौरी अस्पताल में अंजना शर्मा व स्टेट कैंसर अस्पताल में अभिलाषा जोशी को संयोजक नियुक्त किया गया है।

*विनिता शेखावत का ये है कहना*
मैंने महिला नर्सेज को लेकर जो नया संगठन व नई कार्यकारिणी बनाई है, उसके लिए रजिस्ट्रेशन नम्बर व लैटर हेड पर नाम होना जरूरी नही है बल्कि इसके बिना भी नया संगठन व नई कार्यकारिणी बना सकते हैं। आज जो नया संगठन व नई कार्यकारिणी बनाई है, वो पूरी तरह लीगल है। आप ज्यादा जानकारी के लिए हमारे संगठन की लीगल एडवाइजर वन्दना चौहान से सम्पर्क कर सकते हैं।

90 से कार्यरत *राजस्थान राज्य नर्सिंग एसोसियशन (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राणा का ये है कहना-*
2016 के बैच की है,विनीता,,अभी सरकारी नौकरी मे सेवा करने की बहुत सम्भावनाएं है,पर सेवा में सीनियर्स का सम्मान करने की आदत डालनी होगी और पद लालसा छोडनी होती है,
कोई भी नया संगठन या नई कार्यकारिणी को तभी मान्यता दी सकती है, जब वो रजिस्टर्ड हो और अगर ऐसा नहीं है तो बिना लीगल तरीके से कोई भी नया संगठन बनाने वाले को अपराधी माना जा सकता है। महिला नर्सेज के लिए जो आज नए संगठन की घोषणा की गई है, उसका राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसियशन (एकीकृत) से कोई सम्बन्ध नहीं है। केवल नर्सिंग कर्मियों व सरकार को भ्रमित करने के लिए इस तरह से नए संगठन की घोषणा की गई है।