झुंझुनूं में पदस्थापित महिला थाना इंचार्ज ने बीती रात अपने जयपुर ,क्षेत्र थाना झोटवाड़ा, निवारू रोड स्थित निवास पर ,दूसरी पत्नी के साथ कि मारपीट,,,वजह बनी तीसरी पत्नी, आये दिन की चिक चिक से मौहल्ले वाले हैं परेशान, समाज का भयानक व विद्रूप चेहरा दिखाती यह खबर,सीरीज़ 1st, तफ्तीश जारी

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सच के साथ सच की आवाज़

3 से अधिक पत्नियों की चर्चा आसपड़ोस में आम है,यह मंदिर में माला पहना शादी का रूप दे देता है,,,

जयपुर 11 जून 2019।(निक क्राइम )10 जून की वो रात निवारू रोड स्थित एक मकान से आयी मारपीट व चिल्लाने की आवाज़ से आसपास के रिहायशी इलाके में घबराहट व दहशत का माहौल पैदा हो गया,जब सबने घर के बाहर आकर जानकारी लेनी चाही तो पास ही के एक पुलिस वाले के मकान से चीखने चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई देनी लगी, लाल जोड़े में एक महिला घर के बाहर भागती आयी, साथ ही एक और महिला बाहर दरवाजे पर खड़ी नजर आई,,

तस्वीर में दिखती घर के बाहर वो महिलाएं जिनका खबर में जिक्र है,,
मोहल्ले वालों ने ऑफ दी रिकॉर्ड बताया की लाल जोड़े वाली इंचार्ज साहब की दूसरी पत्नी है और साथ खड़ी यह महिला वजह बनी है इस झगड़े की ,,
इस बाबत जब झोटवाड़ा थाना इंचार्ज से बात हुई तो उन्होंने बताया की रात 11 बजे के करीब सूचना आने पर पुलिस मय जाब्ता पहुंची तो सामाजिक सरोकारों की परम्परा निभाते हुए राजीनामे करने व मामले को आपसी स्तर पर सुलझाने पर जोर देकर, समझाइश कर आ गयी,
सूत्रों के हवाले से घरेलू झगड़ा हो सकती है इंचार्ज के तीन या तीन से अधिक महिलाओं से सम्बन्ध,जिसे शादी की संज्ञा दी जा सकती है,कितना कानून इसकी जांच करेगा या समाज इसकी इजाज़त देगा,,,
जहाँ तक झुंझुनू महिला थाना इंचार्ज का सवाल है, वो विश्वकर्मा थानाधिकारी जयपुर भी रह चुके है,उस समय कितने मकानों के स्वमित्व को अपने या रिश्तेदारों के नाम हासिल किया है,इसके साथ ही इससे पूर्व यातायात पुलिस में भी अपनी सेवाओं के दौरान कितने वाहनों से अवैध वसूली कर चुके है,, यह एक गम्भीर जांच का विषय है, RTI के जरिये भी आय से अधिक सम्पत्ति मामले में सत्यतापरखी जा सकती है,
Newindia ख़बर के जरिये इस ख़बर का मकसद है सामाजिक विद्रूपता को दूर करने की दिशा में एक कदम,आप क्या सोचते हैं अपने अपने नजरिये से, यह आपसब के विवेक पर, कलयुगी समाज मे ऐसे उदाहरण हर महकमें में पाए जा सकते हैं सोचना होगा की समाज किस दिशा की और जाएगा, यह समाज को तय करना है,,
सच के साथ सच की आवाज़,,खबर छपते छपते, रात घर मे शांति का माहौल था,पर आने वाली आशंकित रात का क्या भरोसा,
इसीलिए ऐसी खबरें भविष्य में भी ऐसे परिवारों को सोचने का अवसर देगी,,,