*पक्षियों के लिए छत पर दाना-पानी के परिंडे व दीप जलाकर मनाये पर्व* परशुराम जयंती व आखा तीज अलग-अलग दिन – *भगवान परशुराम जयंती 25 अप्रैल व आखा तीज 26 अप्रैल को मनाई जायेगी*—-

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*बांसवाडा स्थित श्री परशुराम जी का मन्दिर*
जयपुर 24 अप्रैल 2020 ।(निक धार्मिक)डॉ प्रशान्त शर्मा वेदाचार्य ने बताया कि इस बार भगवान् परशुराम की जयंती 25 अप्रैल व अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को मनाई जायेगी l
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आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट ने सभी ब्राह्मण संगठनो व सभी प्रबुद्ध नागरिको, विद्वानों से आह्वान किया है कि इस बार लॉक डाउन के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के कारण भगवान् परशुराम क़ी जयंती व अक्षय तृतीया पर्व को हम सब अपने अपने घरो में ही मनावे l हमें अपने ईष्ट देव की आराधना के साथ घर की छ्त पर पक्षियों के लिए दाना-पानी के परिंडे व् सांय 5-11दीपक से घर आँगन रोशन कर विश्व कल्याण के लिए कामना करनी चाहिए l
कोरोना वायरस माहमारी पर विजय पाने हेतु हम सब मिलकर सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे तो सकारात्मक परिणाम शीघ्र मिल सकेंगे । पिछले कई वर्षो से ट्रस्ट द्वारा जन सहयोग से भगवान् परशुराम के जन्मोत्सव पर पक्षियों के दाना पानी के लिए परिंडे वितरण कर जन जागृति अभियान चलाया जा रहा है व अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोक थाम हेतु समाज में जन जागृति अभियान चलाकर एक नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा ।

डा प्रशान्त शर्मा ने अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए कहा कि बैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया या आखा तीज कहते है। इस बार 26 अप्रैल रविवार को यह तिथि आ रही है lयह ऐसी तिथि है जो कभी क्षय नही होती है। त्रेता युग का शुभारम्भ भी इसी दिन हुआ अक्षय तृतिया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त होनें के कारण सभी तरह के शुभ मुहूर्त संपन्न किये जा सकते है lइस दिन किए गए दान पुण्य का फल अक्षय हो जाता है l
पुराणों में अक्षय तृतीया का उल्लेख एक विशेष दिन के रूप में किया गया है। इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विवाह करने का कोई दोष नही होता हैं l तथा जो भी कार्य किया जाये उसका अक्षय फल मिलता है इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। यह तिथि सभी मुहर्त में श्रेष्ठ मानी जाती है। लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण सामाजिक व धार्मिक आयोजन नहीं कर पायेंगे ।