*जेकेके में चरवाहा बालक की साहसिक यात्रा पर आधारित फिल्म ‘गौरू – अ जर्नी ऑफ करेज‘ की हुई स्क्रीनिंग,

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— ‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल‘ के चौथे दिन
— 13 जनवरी तक चलेगा फेस्टिवल
— गुरूवार को बच्चों के लिए थिएटर परफॉर्मेंस के अतिरिक्त पपेट मेकिंग एवं स्टोरीटेलिंग वर्कशॉप का होगा आयोजन

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जयपुर, 8 जनवरी। जवाहर कला केंद्र में चल रहे ‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल’ के चौथे दिन चिल्ड्रंस फिल्म सोसायटी, इंडिया के सहयोग से प्रदर्शित बाल फिल्म ‘गौरू – ए जर्नी ऑफ करेज‘ की स्क्रीनिंग हुई। रामकिशन चोयल द्वारा निर्देशित यह फिल्म ‘गौरू‘ नामक एक चरवाहा बालक की जर्नी पर आधारित है, जो अपनी दादी की अंतिम इच्छा पूरा करना चाहता है, जो शादी के बाद अपने मूल स्थान पर कभी नहीं गई। दादी के गाँव पहुँचने की यात्रा बेहद कठिन होते हुए भी गौरू सभी बाधाओं को पार करते हुए अपनी दादी की अंतिम इच्छा को पूरा करता है। भावनाओं से ओत-प्रोत इस फिल्म के माध्यम से वैचारिक दृढ़ता के महत्व पर जोर दिया गया है।

इस फिल्म को जवाहर नगर कच्ची बस्ती, विमुक्ति स्कूल एवं ज्ञान गंगा के बच्चों ने देखा। इनके अतिरिक्त केएमडी पब्लिक स्कूल, एमपीएस इंटरनेशनल और ज्ञान मंदिर, साधु वासवानी, आदि स्कूलों के स्टूडेंट्स ने भी यह फिल्म देखी। फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान उपस्थित श्री चोयल ने बच्चों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि उनकी स्वयं दादी की भावनाओं से प्रेरित होकर ही उन्होंने यह फिल्म बनाई है। फिल्म में ईला अरुण, रित्विक साहोरे, वेदश्री राव, जहांगीर खान व अशोक बांठिया द्वारा अभिनय किया गया। फिल्म की स्क्रीनिंग से पूर्व एक मेडिटेशन सैशन आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने तनाव मुक्ति की विभिन्न तकनीकें सीखी।

*स्टोरीटेलिंग वर्कशॉपः*
बच्चों के लिए बुधवार को आयोजित स्टोरीटेलिंग वर्कशॉप का संचालन शिक्षाविद, सुश्री मालविका जोशी द्वारा किया गया। 5 से 8 वर्ष और 9 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए आयोजित इस वर्कशॉप में 40 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। सुश्री जोशी ने बच्चों को पंचतंत्र की ‘बंदर और आम‘ व ‘कबूतर और शिकारी‘ जैसी कहानियां सुनाई। कहानियों के दौरान उन्होंने बच्चों को हार्वस्टिंग के महत्व के बारे में बताया। वर्कशॉप के दौरान बच्चों ने डांस किया और गीत भी गाए। इस अवसर पर बच्चों को ‘दादी की घड़ी’ और ‘रिश्तों की महक’ लघु फिल्में भी दिखाई गई। जेकेके महानिदेशक, श्रीमती किरण सोनी गुप्ता भी वर्कशॉप में शामिल हुई।

*पपेट मेकिंग वर्कशॉपः*
‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल‘ में तीन दिवसीय पपेट मेकिंग वर्कशॉप बुधवार को आरम्भ हुई। 5 से 8 वर्ष और 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए आयोजित की गई। इसके प्रशिक्षक, कपिल देव एवं मनोज भाट ने बच्चों को कठपुतली बनाने की विभिन्न तकनीकें सिखाई। बच्चों को ग्लव पपेट्री के बारे में बताया गया, जो कपड़े की कठपुतलियों एवं मपेट का उपयोग किया जाने वाला एक प्रकार का ओपेरा है।

* गुरूवार, 9 जनवरी के कार्यक्रमः*
‘चिल्ड्रंस फेस्टिवल’ के तहत गुरूवार (9 जनवरी को) सुबह 9.30 बजे रंगायन में बच्चों की थिएटर परफॉर्मेंस होगी। सुबह 9 से 11 बजे तक रिहर्सल हॉल में 5 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए मनोज भाट द्वारा ‘पपेट मेकिंग वर्कशॉप‘ आयोजित की जाएगी। साथ ही 9 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए ग्राफिक स्टूडियो -2 में कपिल देव द्वारा सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक ‘पपेट मेकिंग वर्कशॉप‘ आयोजित की जाएगी। ये वर्कशॉप 10 जनवरी तक चलेंगी। कृष्णायन में सुश्री मालविका जोशी द्वारा ‘स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप’ आयोजित की जाएगी। यह वर्कशॉप सुबह 9 से 11 बजे तक 5 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए आयोजित की जाएगी, जबकि सुबह 11.30 से 1.00 बजे तक 9 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए यह वर्कशॉप आयोजित की जाएगी।

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