विस्वस्त सूत्रों के हवाले से खबर, गहलोत ने राहुल को दिया इस्तीफा,, 5 घण्टे पहले 5 कांग्रेसी राज्य के मुख्यमंत्री कर चुके है इस्तीफे की पेशकश, पर लेटेस्ट अपडेट, गहलोत जादूगर ने फिजिकली इस्तीफा दे कर, दिखाई अपनी जादूगरी ,newindia खबर की बिग ब्रेकिंग,पढ़े पूरी खबर,

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जयपुर 1 जुलाई 2019। (निक विशेष) जबसे राहुल गांधी ने दुखी होकर यह बयान दिया कि सिर्फ मैंने ही हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया, औरों ने क्यों नहीँ, उसके तुरन्त बाद लगभग 120 कांग्रेसियों ने इस्तीफे की पेशकश कर दी। इसी के मद्दे नज़र 5चो राज्यों के मुख्यमंत्री ने आनन फानन में अपने मुख्यमंत्री पद से भी ईस्तीफे की पेशकश कर दी।
इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी जादूगरी का कमाल दिखाते हुए अभी कुछ देर पहले राहुल गांधी को इस्तीफा दे दिया, गहलोत अच्छी तरह जानते हैं कि राहुल को दिया इस्तीफा विचाराधीन रहेगा कुछ दिनों तक, अगर वाक़ई गहलोत इस्तीफा देना चाहते तो नियमनासार राज्यपाल को इस्तीफा देते, पर गहलोत को यह इल्म है कि मध्यप्रदेश व छतीसगढ़ की तुलना में गहलोत सरकार गिराने के लिए विपक्ष व अन्य को थोड़ा जोर आएगा ।
हालांकि गुट बाज़ी राजस्थान में अपने चरम पर है, गहलोत व उसके विश्वसनीय सिब्बेसालार रघु शर्मा को साज़िश के तहत सीपी जोशी छवि खराब करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे ,उसी का नतीजा विधानसभा में पत्रकारों के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी करने में कत्तई शर्मिंदगी महसूस नहीं कि गयी,साथ ही सरकार के मंत्रीयों,शांति धारीवाल आदि द्वारा पत्रकारों के विरोध तूल पकड़ते देख, जवाब देने से भी सीपी जोशी ने अपनी हठधर्मिता के चलते ,उन्हें जवाब देने से रोका, हद तब हो गयी कि जब आवेश में जोशी ने आसान की गरिमा को भी तार तार कर दिया और वो उठ कर अपने ही मंत्रियों से तीखी नोंक झोंक में लग गए, फिर मजबूरी में सभा स्थगित करनी पड़ी।
ईसके साथ ही समित शर्मा द्वारा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बदनाम किया गया, जिससे राज्य सरकार की छवि खराब हो, सूत्रों के हवाले से खबर है कि समित सचिन गुट के हैं, एवम सीपी जोशी भी अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते गहलोत को नीचा दिखाना चाहते हैं ।
लेकिन गहलोत ने भी कच्ची गोटिया नहीँ खेली, उन्होंने अपने पूर्व समय मे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जो आज के परिप्रेक्ष्य मे राहुल के गुड बुक्स में है, साथ ही ममता को भी गहलोत ने पूर्व में भी राजनीतिक मदद की है इसलिए गहलोत की स्थिति एम पी व छत्तीसगढ़ के मुकाबले कहीं बेहतर है, और गहलोत के डिफेंड में अमरिंदर व ममता की भूमिका रहेगी,यह गहलोत अच्छी तरह से जानते हैं।
भाजपा का कांग्रेस की अंदरूनी कलह का फायदा राजस्थान में उठाना मुश्किल होगा और यहाँ एम पी व छत्तीसगढ़ कर्नाटक के मुकाबले जोर आएगा ।
कल आगे विस्तार से,,,,