हमें टिकिट नहीँ मिला तो मनुवादियों को सबक सिखाएंगे इस आम चुनाव में

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*SOCIAL JUSTICE MOVEMENT*
*ओबीसी, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक संगठनों के सयुंक्त तत्वावधान में*

जयपुर 11 मार्च 2019।(निक सामाजिक)ओबीसी, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक संगठनों के सयुंक्त तत्वावधान में पिछड़े वर्गों के सभी संगठन प्रमुखों ने ओबीसी का आरक्षण 52.5 प्रतिशत करने की मांग करते हुवे, आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में मनुवादी प्रत्याशियों के बहिस्कार का निर्णय लेते हुवे पिछड़े वर्गों के प्रत्याशियों का समर्थन करने का फैसला लिया है, चाहे प्रत्याशी किसी भी पार्टी का हो।
आरक्षण अधिकार मंच के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में राजस्थान में आर पी एस सी की सभी भर्तियों में आरक्षित वर्गों के साथ अन्याय हुवा है, ओबीसी की कट ऑफ सामान्य श्रेणी से ऊपर होना और न्यायालय में मामले लाबिंत रहना इस विसंगति का सबसे बड़ा प्रमाण है।
ओबीसी महापंचायत के अध्यक्ष डॉ आर सी कुमावत ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में पिछड़े वर्गों के प्रत्याशियों को समर्थन देंगे, चाहे किसी भी पार्टी से हो।
संविधान बचाओ संघर्ष समिति के सयोंजक सुनील भिंडा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्संख्यक समुदाय के लिए जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व सुनिशिचित करने की मांग राष्ट्रीय दलों के समक्ष की जाएगी और मनुवादी प्रत्याशियों को टिकिट नहीं देने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
आरक्षित समाजों के संगठनों ने आरक्षण को लेकर केन्द्र सरकार पर ओबीसी के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया है।
केन्द्र सरकार से ओबीसी आरक्षण को 52.5 प्रतिशत करने की मांग करते हुवे ओबीसी महापंचायत के महामंत्री वीरेन्द्र रावणा ने बताया कि काका कालेलकर और मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार 52.5 प्रतिशत ओबीसी को केन्द्र में मात्र 27 व राजस्थान में 21 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है जो संविधान सम्मत ही नहीं है, उसमें भी क्रिमिलियर की आड़ में आर्थिक आधार किया गया है जबकि यह सुविधा सामाजिक और शेक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों के लिए थी।आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने 10 प्रतिशत सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया और सवर्णो को 8 लाख की वार्षिक आय पर भी आरक्षण का प्रावधान कर दिया, जो सिर्फ और सिर्फ राजनीति और सत्ता के लिए किया गया फैसला है जो सबल को और सबल तथा दुर्बल को और दुर्बल बनाने की नीति क्योंकि आगे चलकर यह लोग बी पी एल परिवारों की सुविधाओं को भी प्रभावित करेंगे।
दलित मुस्लिम एकता मंच के संयोजक अब्दुल लतीफ आरको ने बताया कि प्रेस वार्ता में अनिल गोठवाल, आरक्षण अधिकार मंच, ओबीसी महापंचायत, सामाजिक अधिकार न्याय मंच, दलित मुस्लिम एकता मंच, श्री कृष्ण यादव विकास संस्थान, अम्बेडकर वेलफेयर सोसाईटी, भीम संसद आदि संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया।