गुरुपूर्णिमा का दिन मानवता लाने और मानवधर्म को स्थापित करने का दिन है- बाबा उमाकांत जी महाराज – ये कर्मो का देश है यहाँ सबको कर्म फल भुगतना पड़ता है,,

322

जयपुर 13 जुलाई 2022।(निक धार्मिक) अजमेर रोड़ टोल टैक्स से पहले स्थित ठिकरिया गांव पर तीन दिवसीय नज़रे इनायत गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम पर
देश दुनिया में आध्यात्मवाद की बेल को फैला रहे पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के पूजन के पश्चात भक्तों को सतसंग सुनते हुए बताया की आदमी को, मौत को हमेशा याद रखना चाहिए की पता नहीं कब आ जाये, इसलिए कहा गया है “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब” तो जो अच्छा काम हो उसको तुरंत करना चाहिए और जो ख़राब भावना मन में आए उसको टालना चाहिए क्योकि अगर वो टल जाता है तो मन बदल जाता है और अगर अच्छा को टाला तो फिर मन बदल गया तो बुरा हो जाता है और फिर बुरे कर्म की सज़ा भुगतना पड़ेगी। क्योकि कर्मों की सज़ा से आज तक कोई बच नहीं पाया। जितने भी मनुष्य शरीर में आये चाहे औतारी शक्तियां हो, ऋषि-मुनि हो, योगी-योगेश्वर हो सबको कर्मों की सज़ा मिली। तो आप ये समझो कर्मों को भोगना ही पड़ता है,कर्मों का ये देश है।

*भारत,संतों का देश है, धर्मपरायण देश है।*
पूर्णिमा के दिन महाराज जी ने भारत की आध्यात्मिक भूमि का महत्तव समझाते हुए बताया की ये भारत देश ऋषि-मुनियों, संतो-महात्माओं का देश है, धर्मपरायण देश है। पहले तो केवल एक ही धर्म था, लेकिन अब बहुत से धर्म बन गए , मत-मतान्तर हो गए। देखो प्रेमियों धर्म के नाम पर बहुत से लोग मर गए,मिट गए लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। जिसको समझ में आ जाता है की धर्म तो केवल एक “मानव धर्म” है। सबके अंदर उस प्रभु की अंश ये एक ही जीवात्मा है। तो प्रभु से प्रेम करो। प्रभु से जिसको प्रेम हो जाता है,तो वो सबके अंदर प्रभु को ही देखता है। तो आपको ये समझने की ज़रूरत है प्रेमियों की आज जो ये गुरुपूर्णिमा का दिन है ये मानवता को लाने का,मानवधर्म को स्थापित करने का दिन है।

*प्रेमियों गुरु के मिशन को पूरा करने का,बनाओ आज संकल्प*
महाराज जी ने सत्संग एवं नामदान के पश्चात भक्तों से आह्वान किया की आज गुरुपूर्णिमा के दिन आप यहाँ से कुछ संकल्प बना कर जाओ। तो क्या संकल्प बनाना है ? की गुरु के काम को हमको करना है। गुरु का मिशन, जो अधूरा रह गया है उसे पूरा करना है। तो जो जिम्मेदार लोग हो,सतसंगी लोग हो सबको उसमे लगना है।आप जितने भी लोग हो आप हीरा हो, गुरु के रत्न हो। जो काम आप लोग कर सकते हो,वो दुनियां के लोग नहीं कर सकते। चाहे कितनी भी योग्यता हो या धनीमानी लोग हो, लेकिन आपके अंदर जो जगी हुई जीवात्मा है, गुरु की दया वाली जीवात्मा बैठी हुई है। इस जीवात्मा के पावर को आप नहीं समझ पा रहे हो जैसे आप कभी मुसीबत में पड़ जाते हो, तो गुरुआपकी मदद कर देते है,रक्षा कर देते है तो आपको विश्वास हो जाता है वैसे ही जब आप गुरु के काम में लगोगे तो दया का अनुभव करोगे।

    *हाथ जोड़ विनय हमारी,सतयुग काबिल बनो नर-नारी*
    –––––––––––––––
    महाराज जी बताया की गुरु महाराज मुख्य काम छोड़ कर गए है सतयुग लाने का। गुरु महाराज का नारा है *कलयुग में कलयुग जायेगा* *और कलयुग में सतयुग आएगा”* तो ऐसे ही सतयुग नहीं आ जायेगा और अगर आ जायेगा,तो ये जो कलयुगी लोग है कलयुग उनको अपने साथ लेता जायेगा,रगड़ाई करेगा उनकी, बेमौत लोग बहुत मरेंगे। तो इन लोगों को बचाने की ज़रूरत है क्योकि सतयुग आ जाये और कोई आनंद लेने वाला ना रहे तो सतयुग लाने का क्या मतलब रहेगा। तो लोगों को सतयुग के लायक बनाओ। सतयुग में लोग शाकाहारी होंगे, सदाचारी होंगे, धर्मनिष्ठ होने, प्रभु के प्यारे होंगे, लोगों की नियत दुरुस्त होगी, प्रकृति मदद करेगी समय पर जाड़ा-समय पर गर्मी-समय पर बरसात होगी। थोड़ी सी लगत में ज्यादा फायदा होगा। तो आप लोग मुख्य रूप से लोगों को शाकाहारी,नशामुक्त बनाओ। बोलो लोगों से कि बाबा *उमाकांत जी महाराज ने आपके लिए सन्देश भेजा है* की *हाथ जोड़कर विनय हमारी* *सतयुग काबिल बनो नर-नारी”* तो बता दो लोगों को ये । इसके साथ-साथ महाराज जी ने सभी भक्तों को बराबर जयगुरुदेव नाम की धुनि बोलने का आदेश दिया।