उजड़ गया हंसता खेलता परिवार, 10 दिन बाद भी पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची , सुसाइड नोट पर ही अटका रखी है पूरी तफ्तीश,,पडोसी व परिजनों के अनुसार मिलीभगत की आ रही है बू ,, परिजनों को सुसाइड नोट देने से कर दिया इनकार, सूत्रों के मुताबिक 3 पेज के लिखें सुसाइड नोट में नामजद लोगों को क्यों नहीं किया अब तक गिरफ्तार,, राजेश सोनी डूंगरीवाला , राजेन्द्र बियानी व अन्य के खिलाफ सीधा आरोप लगाया है मृतक यशवंत सोनी के परिजनों ने, *जामडोली, राधिका विहार ,आत्महत्या मामला*

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जयपुर 27 सितम्बर 2020।(निक क्राइम) आज 10 दिन हो गए कानोता पुलिस अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची जब न्यूइन्डिया खबर की कानोता थाने के पुलिस अधिकारी जगदीश प्रसाद से बात हुई इस बाबत तो उन्होंने बताया कि अभी सुसाइड नोट की लिखाई की जांच हो रही है,मकान मे छानबीन की जा चुकी है पर उनकी दुकान की चाबी नहीं होने की वजह से अभी हैंडराइटिंग नहीं मिलाई जा सकी है।
अगर मामले की गंभीरता को समझा जाए तो मकान में भी मृतक यशवंत सोनी के लिखाई के बहुत से नमूने मिले थे लेकिन पुलिस का क्या एंगल है यह तो वही समझे।
परिजनों ने जब सुसाइड नोट मांगा तो पहले तो उन्होंने कहा कि आप अपना काम कर ले दाह संस्कार के बाद आपको हम दे देंगे जब दाह संस्कार के दो-तीन दिन बाद परिजनों ने सुसाइड नोट की मांग की तो जगदीश प्रसाद ने कहा कि हम तुम्हारे को नहीं देंगे यह हम कोर्ट में पेश करेंगे।
जैसा कि आप सब लोग जानते हैं जामडोली के राधिका विहार में यशवंत सोनी ने अपने परिवार के साथ फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी उसका राजेश सोनी डूंगरीवाला व राजेन्द्र बियानी के साथ रुपयों का विवाद था । फांसी का फंदा लगाने से पहले राजेश सोनी डूंगरीवाल राजेन्द्र बियानी कुछ लोगों के साथ उसके जामडोली स्थित मकान पर आए थे और उसे धमकाया था मारपीट भी की थी

जिसके गवाह आसपास के लोग हैं।
और अब यह सवाल उठता है कि जांच मैं इतनी देरी क्यों हो रही है जिस सुसाइड नोट को पुलिस जांच के बहाने दबा कर बैठी है और परिजनों को भी अब तक यह सुसाइड नोट नहीं दिखाया है तो फिर मीडिया में सुसाइड नोट कहां और कैसे वायरल हुआ , यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

यह कौनसा स्लाइड नोट है,पुलिस व प्रकाशित करने वाला समाचारपत्र पुष्टि करे,,

दूसरा घटना के दिन परिजनों को दाह संस्कार के बाद सुसाइड नोट देने की बात क्यों कही और अब पुलिस सुसाइड नोट देने या दिखाने से क्यों मना कर रही है, क्या इससे पहले भी घटित घटनाओं में सुसाइड नोट परिजनों को दिया नहीं गया ?

न्यूइन्डिया खबर से 27 सितम्बर को अलवर मौजूद मृतक यशवंत सोनी के भाई व परिजनों से बात मे कहा की हम पुलिस की अब तक की कार्रवाई से नाखुश हैं। भाई का परिवार भी गया और न्याय भी नहीँ मिला अब तक,,
आमजन में विश्वास उठा है और आरोपियों से पुलिस की मिलीभगत की शंकाएं बढ़ती जा रही है।

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