नज़रें इनायत गुरु पूर्णिमा,,, ध्यान, भजन, सुमिरन और प्रार्थना संतमत की प्रमुख चीज है -बाबा उमाकांत जी महाराज

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जयपुर 12 जुलाई।(निक धार्मिक) अजमेर रोड़, ठिकरिया स्थित जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दूसरे दिन देश-विदेश से शामिल हुए लाखो भक्तों को सतसंग सुनते हुए बताया की ध्यान,भजन,सुमिरन और प्रार्थना संतमत की प्रमुख चीज़ है ये दरवाज़ा है ये दया की सीढ़ी है,जिस पर चढ़कर दया लेते हुए मंज़िल पर पहुँच जाओ। संतमत सबसे ऊँचा मत है, लेकिन इसको सब लोग समझ नहीं पाते है क्योकि परिस्थितियों के दास हो गए। कुछ लोग ऐसे भी है जो परिस्थितिवश नहीं आ पाए,इच्छा तो की उन्होंने की चलो गुरु पूर्णिमा है चला जाये लेकिन मोह,माया में गृहस्ती में इतना लिप्त हो गए की उनको खींचते हुए ना आ सके, पर आप भाग्यशाली हो की आप आ गए। वैसे आप आये नहीं बुलाये गए,खींचे गए तो आप चले आये। लेकिन कुछ लोग नहीं आये क्योकि उन्हें गुरु से प्यार कम होता है और दुनियां से प्यार ज्यादा होता है। अगर गुरु से लिया जाये तो फिर गुरु सम्हालने वाले हो जाते है। गृहस्ती को सम्हालने वाले होते है।

*सुमिरन बराबर करते रहना चाहिए*
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महाराज जी ने भक्तो को बताया की सुमिरन करते समय बीच में कोई होना नहीं चाहिए। जैसे आप जिनके नाम का सुमिरन करते हो उनके नाम को ही तो लिया जाता है,ध्यान उनके रूप की तरफ लगाया जाता है, और अगर आपका ध्यान कही और चला गया भटक गया तो वो सुमिरन कैसे कुबूल होगा। जा आप उनका नाम लोगे,रूप को याद करोगे तो वो देखेंगे की कोई हमको याद कर रहा है और तब वो आपकी मदद करेंगे। तो कब खुश होंगे जब आप उनको बराबर याद करते रहोगे तो आपको बराबर सुमिरन करते रहना चाहिए।
*शब्द, जीवात्मा को खींच लेता है*
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जब कोई साधक ध्यान लगाता है तो जीवात्मा का ध्यान इधर से हटता है तो ऊपर की तरफ चलती है। जब जीवात्मा को पता चल जाता है की में प्रकाशवान हूँ, मुझमे ताकत है, में परमात्मा की अंश हूँ, परमात्मा मुझे बुला रहा है, मुझे खींच रहा है, तो जीवात्मा आगे बढ़ती है और शब्द उसे खींच लेता है।

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    *गुलाबी शहर हुआ बाबा के भक्तो से गुलाबी*
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    बाबा उमाकांत जी महाराज के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाने के लिए भारत और भारत के बाहर से भी भक्तों का आना ज़ारी है जो गुलाबी वस्त्र, गुलाबी टोपी के पहनावे में अलग ही नज़र आ रहे है। जिनके लिए आश्रम में ठहरने, भोजन, विश्राम समेत तमाम व्यवस्थाएं संगत के सेवादारों द्वारा की गई है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में कल मुख्य कार्यक्रम गुरुपूर्णिमा पर गुरु पूजन बाबा उमाकांत जी महाराज द्वारा किया जायेगा उसके बाद दया, दुआ और बरक्कत वाला प्रसाद वितरित किया जायेगा।