बच्चों और युवाओं में बढ़ने लगे ब्रेन ट्यूमर के केसेज, वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे विशेष, 15 वर्ष से कम बच्चों में सर्वाइवल रेट 75 प्रतिशत से अधिक,,

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सर्जरी, गामा नाइफ, फोकस रेडिएशन उपचार पद्धतियों से ब्रेन टयूमर का सटीक उपचार संभव

जयपुर 7 जून 2022।(निक चिकित्सा) 50 वर्ष से ज्यादा की उम्र के सामने आने वाला ब्रेन ट्यूमर अब युवा अवस्था में भी मे तेजी से सामने आ रहा है। छोटी उम्र में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर मेडिकल साइंस में कई रिसर्च हुई है लेकिन अभी तक इसके कारणों का पता नहीं लग पाया है। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर जयपुर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ नितिन द्विवेदी का कहना है कि जहां एक ओर बच्चों और युवाओं में ब्रेन ट्यूमर के केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं एडवांस उपचार पद्धतियों के कारण सर्वाइवल रेट भी बढा है।

डॉ नितिन द्विवेदी ने बताया कि मस्तिष्क में जब असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती है तो ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती है। कोशिकाओं के विकास की गति ट्यूमर के प्रकार के अनुसार अलग.अलग होती हैए लेकिन इस दौरान कई लक्षण व्यक्ति में नजर आते है। इन लक्षणों को अगर गंभीरता के साथ लेकर समय पर चिकित्सक से सलाह ली जाए तो शुरुआती अवस्था में इसकी पहचान कर रोगी को बचाना संभव हो पाता है। जीवनशैली में आए परिवर्तन की वजह से ब्रेन ट्यूमर के अहम लक्षण सिरदर्द याददाश्त का कमजोर होना जीवनशैली का हिस्सा बनते जा रहे है। इन लक्षणों की समय पर पहचान और उपचार जरूरी है।

    इन्हें ना करें अनदेखा
    बच्चों और व्यस्कों में इसके लक्षणों में काफी समानता है। इन लक्षणों में तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्दए चलने में परेशानीए तालमेल में समस्याए मांसपेशियों में कमज़ोरीए रह.रहकर परेशानी होनाए शरीर के एक तरफ़ कमज़ोरीए या हाथों और पैरों की कमज़ोरीए चक्कर आनाए उल्टी या मतली आनाए चुभन महसूस करना या स्पर्श कम महसूस होनाए ठीक से बोलने और समझने में परेशानी या सुध.बुध खोनाए दौरे पड़नाए धुंधला दिखनाए बेहोषी आनाए बोलने में कठिनाई या व्यक्तित्व में बदलाव।
    66 फीसदी टयूमर कैंसर के नहीं
    डॉ नितिन द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते है। जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते है अतः वह कैंसर के नहीं होते है। 15 साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है। वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों को में 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है।
    80 फीसदी रोगी समय पर नहीं लेते उपचार
    ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की अनदेखी और समय पर पहचान ना होने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा रोगी न्यूरो एक्सपर्ट के पास ट्यूमर के पूरी तरह से बढ जाने के बाद आते हैं। एडवांस स्टेज में टयूमर की पहचान होने पर उसे तुरंत प्रभाव से ऑपरेषन के जरीए उपचार दिया जाता है। कुछ केसेज में रोगी टयूमर की पहचान होने के बाद भी बाबा और झाड़.फूक के चक्कर में फंसकर उपचार मे देरी करते है।