“राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस” हर बच्चा शिक्षित व सुरक्षित हो,, बच्चोँ की गुलामी का कलंक मिटाने में पुलिस सक्रिय भूमिका निभाये : कैलाश सत्यार्थी

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जयपुर,16 अप्रैल। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा व सुरक्षा का अधिकार है। उन्होंने पुलिस कर्मियों से बच्चो की गुलामी का कलंक मिटाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आव्हान किया।
सत्यार्थी शनिवार को पुलिस स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं बाल श्रम उन्मूलन सहित कोरोना काल मे पुलिस कर्मियों के कार्यों की सराहना की।

कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि विभिन्न कारणों से बच्चो में मानसिक सदमे की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
पुलिस, डॉक्टर व परिजन उचित व स्नेहपूर्ण व्यवहार कर उन्हें सदमे से उबारने में उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “राइट टू लाइफ” और ” राइट टू डिग्निटी” बच्चे का नैसर्गिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि बाल अपराध मुक्त भारत सम्भव है और इसके लिए राजस्थान बढ़त ले सकता है।
उन्होंने बचपन बचाओ आंदोलन, बाल श्रम एवं बाल मित्र गांव के बारे में जानकारी दी एवं बताया कि राज्य में 150 बाल मित्र गांव संचालित किये जा रहे हैं। गावों में बाल शोषण से मुक्ति व गरीब व अनाथ बच्चो को सहायता आवश्यक है। हर बच्चा अपने नैसर्गिक अधिकार के साथ पैदा होता है। उसकी आजादी व शिक्षा के अधिकार की रक्षा सभ्य समाज का दायित्व है।


सत्यार्थी ने राजस्थान पुलिस द्वारा संचालित सुरक्षा सखी कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे पुलिस का महिलाओं व बच्चों के प्रति संवेदनशील व मानवीय पक्ष उजागर होता है। उन्होंने बताया कि उनका
बचपन चौकियों व थानों में गुजरा है । उन्होंने कहा कि खाकी केवल नौकरी नही वरन, पुलिस गवर्तनेन्स का सबसे पहला चेहरा है। उन्होंने कहा कि जीत सदैव इंसानियत की होती है। जरूरत इंसानियत व करुणा को जगाने की है।
उन्होंने बताया कि हमारे देश मे एक घन्टे मे 8 बच्चो की ट्रेफिकिंग, 5 बच्चो के साथ यौन शोषण, 3 बच्चो के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होती है। लोकडाउन के दौरान 10 दिन में पोर्न की ऑनलाइन डिमांड दुगनी हो गयी। इस सम्बंध में तथा साइबर क्राईम की रोकथाम के लिए व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है।

    महानिदेशक पुलिस एम एल लाठर ने सत्यार्थी का स्वागत करते हुए बताया कि राजस्थान पुलिस बाल श्रम, बन्धुआ मुक्ति एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधो की रोकथाम के प्रति गम्भीर है। उन्होंने बताया कि इन अपराधों की त्वरित व गुणवत्ता पूर्ण जांच से अपराधियों को दंड की दर में वृद्धि हो रही है।
    महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि श्री सत्यार्थी ने ज्ञान, संकल्प व कर्म का समन्वय कर इन्हें आचरण में उतारने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
    इस अवसर पर महानिदेशक एसीबी बी एल सोनी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे। आरपीए निदेशक राजीव शर्मा ने अतिथियों की अगवानी की।