4 दुग्ध उत्पादक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1.70 लाख से अधिक किसानों ने ‘मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना’ के तहत बढ़ाई गई सब्सिडी में समानता की मांग की,,

488

1. राजस्थान सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत रु 5 प्रति लीटर के अनुदान की घोषणा की थी, जिसके मद्देनज़र राज्य के डेयरी किसानों को लाभान्वित करने के लिए रु 550 करोड़ का आउटले तय किया गया है।
2.4 दुग्ध उत्पादक कंपनियों पायस, उजाला, आशा और सखी का प्रतिनिधित्व करने वाले किसानों ने राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय मांगा है, तथा इस योजना के तहत शामिल राज्य डेयरी संघों के समकक्ष फायदों की अपील की है।
3. ये 4 दुग्ध उत्पादक कंपनियां एक साथ मिलकर राज्य के 22 ज़िलों के 5000 से अधिक गांवों में 1,70,000 से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

जयपुर, 13 अप्रैल 2022।(न8क विशेष) : 22 ज़िलों के 5000 गांवों में 170,000 से अधिक डेयरी किसानों ने राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत हाल ही में घोषित सब्सिडी के लाभार्थी समूह में उन्हें शामिल न किए जाने पर गंभीर रूप से निराशा व्यक्त की है। 1 अप्रैल 2022 से लागू हुई यह योजना डेयरी सहकारी समिति से जुड़े मात्र 5 लाख दुग्ध किसानों पर ही लागू होती है।
4 दुग्ध उत्पादक कंपनियों- पायस (जयपुर), उजाला (कोटा), आशा (उदयपुर) और सखी (अलवर) का प्रतिनिधित्व करने वाले किसानों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए समय मांगा है, ताकि वे मुख्यमंत्री जी से मिलकर योजना के लाभार्थियों के समान फायदों के लिए बात कर सकें तथा अपनी आजीविका पर इसके परिणामों के बारे में उन्हें अवगत करा सकें।
हाल ही में राजस्थान सरकार ने कृषि एवं पशुपालन के लिए पहला अलग बजट पेश किया। अपनी मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत, सरकार ने राज्य डेयरी संघ से जुड़ी सहकारी समितियों को दुग्ध की आपूर्ति देने वाले किसानों के लिए सब्सिडी रु 2 प्रति लीटर से बढ़ाकर रु 5 प्रति लीटर कर दी। रु 550 करोड़ के बजट के प्रावधान के साथ 5 लाख डेयरी किसानों को लाभान्वित करने के लिए इस सब्सिडी की घोषणा की गई है।

यह उल्लेखनीय है कि ये किसान केन्द्रित दुग्ध उत्पादक कंपनियां किसानों द्वारा विकसित की गई हैं और सहकारी समिति की संरचना के सिद्धांतों पर संचालित की जाती है। ये संस्थान किसानों के हित में काम करते हुए उनसे जुड़े किसान सदस्यों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी रिटर्न देते हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देते हैं।
‘‘हमें गर्व है कि हम आपसी सहयोग के सिद्धान्तों पर काम करने वाले किसान स्वामित्व के संगठन हैं, जो सहकारी समितियों के सिद्धांत पर अपना संचालन करते हैं तथा हमसे जुड़े सभी किसानों के लिए लाभ को सुनिश्चित करते हैं। हमने आत्मनिर्भर बनने के लिए निवेश किया है और अपने उत्पाद को सही कीमतों पर बेचते हैं। योजना में मौजूद पक्षपात को देखते हुए हमें अपना अस्तित्व गंभीर खतरे में दिखाई दे रहा है। सरकार को हमें इस योजना से वंचित नहीं रखना चाहिए, जो किसानों के हितों के लिए बनाई गई है।’’ मंजू जाखड़, सदस्य, पायस दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड, जयपुर ने कहा।

*open link FOR this NEWS*

*SUBSCRIBE OUR CHANNEL CONTACT FOR YOUR NEWS ON WHATSAPP 8107068124*

    रेखा माली, किसान सदस्य, आशा महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड, उदयपुर ने कहा, ‘‘हमारी कंपनी 100 फीसदी महिला स्वामित्व की कंपनी है, हममें से ज़्यादातर लोग डेयरी फार्मिंग पर निर्भर हैं। ऐसे में हमें लाभार्थी समूह से अलग रखना हमारे संगठन के विकास में रूकावट उत्पन्न करेगा, जिसका बुरा प्रभाव हमारे सदस्यों तथा उत्पादन पर पड़ेगा। सरकार हमेशा किसी चुनिंदा वर्ग के बजाए सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करती है और मुझे विश्वास है कि हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी हमारी मांग पर ध्यान देंगे।’’
    हाल ही में घोषित अनुदान से न सिर्फ डेयरी किसानों के बीच असमानता आएगी बल्कि राज्य के डेयरी तंत्र और दुग्ध उत्पादन में भी रूकावटें उत्पन्न होंगी। यह सब्सिडी गैर-लाभार्थी किसानों को हतोत्साहित कर सकती है और उन्हें उचित पारिश्रमिक न मिलने से उनकी आय के स्रोत कम होंगे और वे पशुपालन को छोड़ कर दूसरे व्यवसाय की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर की स्थिति उत्पन्न होगी।
    यह उल्लेखनीय है कि कई राज्य अपनी ज़रूरतों के लिए राजस्थान के दुग्ध उत्पादन पर निर्भर करते हैं। ऐसे में इसका असर राज्य के राजस्व पर भी पड़ सकता है। साथ ही लाखों लोगों को रोज़गार देने वाले संबंधित उद्योगो पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
    यहां इस बात पर ध्यान देना भी ज़रूरी है कि 4 दुग्ध उत्पादक कंपनियां राज्य के डेयरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अतः ये पीड़ित किसान माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री दुग्ध सम्बल योजना के तहत घोषित रु 5 प्रति लीटर की अनुदान राशि का लाभ इन दुग्ध उत्पादकों को भी मिलें।