नगर निगम जयपुर ग्रेटर मुख्यालय एवं मालवीय नगर जोन में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत लगाये गये शिविरों का आकस्मिक निरीक्षण, उपायुक्त सुरेश चौधरी को मंत्री ने लगाई डांट, मोती डूंगरी जोन में रहते हुए भी कई शिकायतें थी सुरेश चौधरी के खिलाफ पर उन्हें मिली थी पदोन्नति,,

828

जयपुर 20 अक्टूबर 2021।(निक यूडीएच) नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग मंत्री शान्ति धारीवाल ने प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 के तहत बुधवार को नगर निगम जयपुर ग्रेटर मुख्यालय एवं मालवीय नगर जोन में लगाये गये शिविरों का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान राजकीय कार्यो में उदासीनता एवं लापरवाही बरतने पर एक राजस्व अधिकारी डी.के. भंबानी एवं एक कनिष्ठ सहायक राजेन्द्र कुमार को निलंबित कर दिया। इसके अतिरिक्त सहायक नगर नियोजक संतोष मीणा को 17 सी.सी. नोटिस एवं एक वरिष्ठ सहायक श्री जगदीश प्रसाद सैनी को 16 सी.सी. नोटिस दिया गया।
जयपुर ग्रेटर मुख्यालय एवं मालवीय नगर जोन में लगाये गये शिविरों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान सलाहकार, नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग डाॅ जी.एस. सन्धू, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग श्री कुन्जी लाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव श्री दीपक नन्दी, आयुक्त नगर निगम ग्रेटर श्री यज्ञमित्र सिंह देव, विशिष्ठ सहायक माननीय मंत्री महोदय स्वायत्त शासन विभाग श्री आर.के. पारीक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग मंत्री श्री शान्ति धारीवाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने जनहित में प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 चलाया है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुॅचाना है। उन्होनें कहा कि आज ही की तरह प्रदेश की किसी भी नगरीय निकाय का आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है। राजकीय कार्यो में कोताही एवं उदासीनता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। अभियान धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। 02 अक्टूबर के बाद मात्र पाॅच कार्य दिवसों में 30000 से अधिक पट्टे दिये जा चुके है एवं अन्य कार्य किये जा चुके है। कार्यो में और तेजी लायी जायेगी तथा अधिक से अधिक लोगों को राहत दी जायेगी। जयपुर ग्रेटर में 90 पट्टे दिये जा चुके है तथा शेष पट्टे शीघ्र दिये जायेंगे।

धारीवाल ने कहा कि धारा 69-ए के तहत प्राप्त आवेदनों का, आवेदन तिथि पर ही अखबारों के माध्यम से आपत्तियाॅ आमंत्रित की जाये। इसी प्रकार अन्य प्रकरणों में नियमानुसार आवश्यक प्रक्रिया सम्पादित कर आवेदक को पट्टा दिया जाये। नाम हस्तांतरण के प्रकरणों का आवेदन तिथि पर ही निस्तारण किया जाये। सुविधा क्षेत्रों व अन्य प्रतिबन्धित क्षेत्रों से सम्बन्धित पट्टे के लिए प्राप्त आवेदनों का निस्तारण आवेदन प्राप्ति तिथि पर कर आवेदक को सूचित किया जावे। किसी भी प्रकरण में जोनल उपायुक्त द्वारा पत्रावली मुख्यालय नहीं भिजवायी जावे। सभी जोनल उपायुक्तों को एम्पावर्ड कमेटी के अधिकार प्राप्त है। इसलिए जिस दिन पट्टा तैयार हो उसी दिन आवेदक को सूचित कर पट्टा दिया जावे। शिविर में प्राप्त होने वाली अन्य समस्याओं का मौके पर त्वरित गति से निस्तारण करवाया जावे। नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में मौका देखने संबंधित टिप्पणीयाॅ पत्रावली पर नहीं की जावे ना ही मौका देखा जावे। एम्पावर्ड कमेटी की बैठक नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पर हर हफ्ते के पाॅचवे दिन बुलायी जावे एवं लम्बित प्रकरणों का निस्तारण आवश्यक रूप से किया जावे।
शिविर के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग मंत्री शान्ति धारीवाल ने पट्टा लेने व अन्य कार्यो को करवाने के लिए उपस्थित लोगों की लगभग 02 घण्टे तक सुनवाई की तथा स्वयं लम्बित पत्रावलियों का निरीक्षण किया। शिविर में सलाहकार, नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग डाॅ जी.एस. सन्धू, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग श्री कुन्जी लाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग श्री भवानी सिंह देथा, निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव दीपक नन्दी ने भी पत्रावलियों का निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ पत्रावलियाॅ 2-3 वर्षो से पूर्व की लम्बित पायी गयी तथा कुछ प्रकरण 18 से 20 साल पुराने भी मिले। जिनका मौके पर पत्रावलियों का अध्ययन कर निस्तारण करवाया गया।
शिविरों में नाम हस्तांतरण के प्रकरण में देरी करने पर वरिष्ठ सहायक जगदीश प्रसाद सैनी को 16 सी.सी. नोटिस एवं राजस्व अधिकारी डी.के. भंबानी को मौका निरीक्षण करने पर मौके पर ही निलम्बन के आदेश थमाये गये। वर्ष 2018 से लम्बित एक पत्रावली के निरीक्षण के दौरान निर्धारित अवधि में पट्टा नहीं देने पर सहायक नगर नियोजक श्री संतोष को 17 सी.सी. का नोटिस दिया गया।
मालवीय नगर जोन के निरीक्षण के दौरान वहाॅ पर प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान 2 पट्टे जारी किये जाने पर नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने वहाॅ नियुक्त उपायुक्त सुरेश चन्द चौधरी से पूछा कि अब तक कितने आवेदन आये है। इस पर उन्होनें बताया कि कुल 311 आवेदन आये है। जिनमें से 100 आवेदकों के पट्टे की पत्रावलियाॅ तैयार की जा चुकी है। जिन्हें एम्पावर्ड कमेटी के पास भेजा जायेगा। इस पर श्री धारीवाल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि जब एम्पावर्ड कमेटी की शक्तियाॅ उनमें निहीत है तो उन्होनें अब तक यह पट्टे जारी क्यों नहीं किये। उन्होनें निर्देश दिये कि अब तक प्राप्त सभी आवेदकों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार पट्टे दे दिये जाये। मौके पर अनेकों पत्रावलियांे को अनावश्यक रूप से निरस्त करने वाले कनिष्ठ सहायक राजेन्द्र कुमार को निलंबित करते हुए धारीवाल ने निर्देश दिये कि वे एवं उपायुक्त सभी पत्रावलियांे का नियमानुसार एक सप्ताह में निस्तारण भी करेंगे।
35 साल से लम्बित प्रकरण में पट्टा दिलवाया गया।

    मालवीय नगर जोन शिविर में निरीक्षण के दौरान सलाहकार, नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग डाॅ जी.एस. सन्धू, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग कुन्जी लाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने पत्रावलियों का निरीक्षण किया इस दौरान वर्ष 1976 की एक लम्बित पत्रावली प्राप्त हुई। जिसमें आवेदक द्वारा मूल आवंटी के निधन के बाद उसकी पुत्री द्वारा हकत्याग दत्तक पुत्र के पक्ष में किये जाने के संबंध में पट्टा चाहा गया था। जो आजदिनांक तक नहीं दिया गया था। मौके पर ही 9नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुन्जी लाल मीणा ने संबंधित आवेदक को बुलवाकर पट्टा दिलवाया। इसी प्रकार एक निरस्त पत्रावली का अवलोकन करते हुए शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने पाया कि राजापार्क के आवेदक प्रेमदास लोपाराम द्वारा 69ए धारा में पट्टा लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है तथा पत्रावली में सभी आवश्यक प्रमाणित दस्तावेज लगे हुए है। जिसमें गत 35 वर्षो के बिजली व पानी के बिल, गृहकर की रसीदें संलग्न है। परन्तु उक्त आवेदन को बिना किसी कारण के निरस्त कर दिया गया। श्री धारीवाल ने प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए आवेदक को तुरन्त पट्टा दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होनें उपायुक्त को निर्देश दिये कि बिना किसी कारण के किसी भी पत्रावली को निरस्त न करें तथा सभी लम्बित प्रकरणों एवं नवीन प्राप्त प्रकरणों का एक सप्ताह में निस्तारण करें एवं इस संबंध में उन्हें सूचना भिजवायें।
    प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान अब तक 33078 पट्टे दिये गये। भवन निर्माण के 2065 प्रकरणों का, नाम हस्तांतरण के 3300 प्रकरणों का, उपविभाजन के 413 प्रकरणों का, लीज मनी के 878 प्रकरण, इन्दिरा क्रेडिट कार्ड के 2500 प्रकरण एवं पेंशन के 4300 (जारी) प्रकरणों का निस्तारण किया गया।