जयपुर 26जून 2020।(निक क्राइम)
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1जून को करणी विहार थाने में पीड़ित महिला ने के पी सिंह, सीआई के खिलाफ धारा 376 में मुकदमा दर्ज कराया था कुछ दिनों पूर्व पीड़ित महिला के मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान भी हो चुके हैं,तो सवाल यह उठता है कि अब तक के पी सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई पूर्व में वीआईपी ड्यूटी पर रहा था केपी सिंह और आज भी वीआईपी ट्रीटमेंट ले रहा है। झुंझुनू से पहले के पी सिंह विश्वकर्मा, झोटवाड़ा व यातायात विभाग जयपुर में कार्य कर चुका है।
सूत्रों की माने विश्वकर्मा इंचार्ज रहते हुए कई जमीनों पर कब्जा कर उसे हथिया चुका है।
यातायात पुलिस में भी अवैध वसूली की कई शिकायतें मिल चुकी थी। यह तो वह कारनामे है जो सार्वजनिक हैं, अगर तफसील से जांच की जाये तो अनगिनत अपराधों की कड़ी से कड़ी खुलने लगेगी ।
इससे पूर्व भी कुछ महीने पहले वह जयपुर आवास पर आया था और रात को उसने अपनी दूसरी पत्नी के साथ मारपीट की थी जिस की जानकारी झोटवाड़ा थाने में है और अब हाल ही में करणी विहार में केपी सिंह के खिलाफ 376 का मुकदमा दर्ज हुआ है।
पीड़ित महिला के अनुसार नौकरी दिलाने शादी का झांसा देकर यह पिछले 2 सालों से इसके साथ दुष्कर्म करता रहा है करणी विहार थाना अधिकारी पन्नालाल से इस बाबत बात करने पर पता चला कि अभी वह छुट्टी पर चले गए थे और आने के बाद उन्हें किसी दूसरे हत्याकांड केस में उलझा दिया गया।
यही बातें पुलिस प्रणाली की जांच पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है क्यों ऐसे अपराधियों को किसकी शह पर बचाने का प्रयास किया जाता है। क्या साधारण आदमी पर 376 का मुकदमा दर्ज होने पर वह आसानी से घूम सकता है अपनी ड्यूटी कर सकता है, तो फिर ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर नकेल क्यों नहीं कसी जाती,, कब होगी के पी सिंह की गिरफ्तारी कब सुधार में लाएगा अपनी प्रणाली को पुलिस महकमा,,
के.पी सिंह का फोन बन्द है,,बात करने की कई बार कोशिश की,,