पंचायती राज विभाग में पिछले छह महीनों से दो आईएएस अफसरों के बीच चल रही जंग का समापन शीघ्र होने वाला है ? यदि मुख्यमंत्री ने शीघ्र हस्तक्षेप नही किया तो स्थिति और ज्यादा बिगड़ने वाली है ,,

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मामला मुख्यमंत्री गहलोत के पाले में,,,
दो आईएस अफसरों में जोरदार घमासान,,
राजेश्वर सिंहv/sआरूषी मलिक

महेश झालानी/सन्नी आत्रेय

जयपुर 9मई 2020।(निक विशेष)बात हो रही है पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह और विशिष्ट शासन सचिव आरुषि अजय मालिक की । दोनों की लड़ाई सचिवालय से बाहर निकलकर अखबारों तक पहुंच गई है । ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि दोनों में से किसी एक अफसर का तबादला दीगर विभाग में हो सकता है ।

सबसे रोचक बात यह है कि इस लड़ाई की असली वजह से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और मुख्यमंत्री के सचिव कुलदीप रांका भी वाकिफ है । फिर भी लड़ाई का अंत क्यो नही हुआ, इसको जानने के लिए अनेक अफसर बेताब है । विभागीय सूत्रों के मुताबिक राजेश्वर सिंह ने 29 अक्टूबर, 2019 को कुलदीप रांका और डीबी गुप्ता को खत लिखकर आरुषि मालिक की बदतमीजी और मनमानी से अवगत कराते हुए इनका तबादला दीगर विभाग में करने का आग्रह किया । बावजूद इसके छह महीनों से सीएमओ की चुप्पी के पीछे अवश्य ही कोई राज छीपा हुआ है ।

चूँकि निर्णय और आदेश मुख्यमंत्री को करने है, इसलिए मुख्यसचिव भी विवश है । सूत्रों ने बताया कि पिछले माह 15 अप्रेल को आयोजित विभागीय बैठक के बाद एसीएस राजेश्वर सिंह ने उप मुख्यमंत्री को सारी स्थिति से अवगत कराते हुए आग्रह किया कि उनका तबादला अन्यत्र करवा दिया जाए । आरुषि जैसी बदमिजाज और लापरवाह अफसर के साथ वे काम नही कर सकते ।

पता चला है कि इस लड़ाई को कुछ नेता हवा दे रहे है । अपनी मनमानी के लिए कुख्यात आरुषि मालिक भरतपुर में भी अपनी मनमानी कर चुकी है । भरतपुर कलेक्टर पद से रिलीव होने के बाद उन्होंने एडीएम (प्रशासन) को कार्यभार सौपने के बजाय इनसे जूनियर को सौंपकर अपनी मनमानी का परिचय दिया । इसी तरह एक महिला के प्रार्थना पत्र की उपेक्षा करने पर उसने आरुषि के सामने ही आत्मदाह का प्रयास किया ।
जोधपुर में जाट परिवार में जन्मी और नागौर की मूल निवासी आरुषि मलिक को परपीड़न में बड़ा ही आंनद आता है । राजनीतिक सम्बन्ध भी इनके प्रगाढ़ है । चनावो में खड़े होने की चर्चा भी थी । जोधपुर की होने के कारण मुख्यमंत्री का झुकाव भी आरुषि की तरफ ज्यादा है । इसलिये इतने दिनों से यह आग धीरे धीरे सुलग रही है जो अब ज्वाला में तब्दील हो चुकी है ।

सूत्रों ने बताया कि लड़ाई अभियंताओं की पदोन्नति की ना होकर आपसी इगो की है । देर से आना और मनमर्जी से कभी भी दफ्तर छोड़कर चले जाना आरुषि के स्वभाव में शामिल है । पिछले दिनों मुख्यमंत्री को बैठक लेनी थी । एसीएस ने आरुषि से सभी पंचायतो के आंकड़े एकत्रित करने का निर्दश दिया । जानकारी के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी की गई थी । इस पर दोनों अफसरों के बीच चार-पांच अधिकारियों की मौजूदगी में जबरदस्त वाकयुद्ध हुआ । इसके बाद तलवारे और ज्यादा तन गई ।
जहां तक अभियंताओं की पदोन्नति का सवाल है, सीएस राजन के वक्त से ही यह मामला अटका हुआ है । दरअसल पंचायत और वाटरशेड के अभियंताओं के बीच अधिक प्रतिनिधित्व को लेकर यह मामला आठ साल से लटक रहा है । मामले को निपटाने के लिए एसीएस पंचायत राज विभाग, नरेश गंगवार और निरंजन आर्य की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई । फाइल को डीओपी, वित्त विभाग और मुख्यसचिव ने अनुमति प्रदान करते हुए डीपीसी करने का निर्णय लिया । उप मुख्यमंत्री पायलट पहले ही मंजूरी दे चुके थे ।
राजेश्वर सिंह

विभाग के एक संयुक्त शासन सचिव प्रेम सिंह चारण ने आरुषि के जरिये फाइल को बिना एसीएस की स्वीकृति के वित्त विभाग को भिजवा दिया । वित्त विभाग ने आरुषि द्वारा इस तरह बिना एसीएस की स्वीकृति के फाइल भिजवाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की । फाइल जब लौटकर एसीएस राजेश्वर सिंह के पास आई तो वे आश्चर्य में पड़ गए । वे सोच रहे थे कि डीपीसी की प्रक्रिया पूरी की जा रही होगी । जबकि ऐसा नही किया गया ।
एसीएस ने इस प्रकार उनकी जानकारी और अनुमोदन के फाइल को वित्त विभाग के पास बिना कोई कारण के भिजवाना अनुशासनहीनता माना । रुल ऑफ बिजनेस के तहत एसीएस की स्वीकृति आवश्यक थी । एसीएस ने फाइल पर आरुषि मालिक की सारी कारस्तानी से अवगत कराते हुए मुख्यसचिव से अविलम्ब आरुषि का तबादला अविलम्ब अन्यत्र करने का आग्रह किया है । पत्रावली फिलहाल मुख्यसचिव के पास है । मुख्यमंत्री से वार्ता होने के बाद शीघ्र ही कोई उचित निर्णय होने की संभावना है ।
खबर सूत्र वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी
विशेष:राजेश्वर सिंह,आरुषि मालिक तथा सीएस से बातचीत करने की कोशिश की । लेकिन बातचीत नही हो सकी ।

Sunny Atrey,editor Newindia khabar, state president periodical press of India national journalist association mob 8302118183,WhatsApp 8107068124,Email [email protected]