आनेवाला समय गीतकार का होगा : वेद व्यास

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जयपुर 10 नवम्बर2019।(निक साहित्य)साहित्य में गीत की हजारों साल पुरानी परम्परा है और वर्तमान में लिखे जा रहे गीत भी आश्वस्त करते हैं कि आने वाला समय गीतकारों का ही होगा यह बात राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ स्तम्भकार वेद व्यास ने जाने-माने कवि एवं गीतकार ब्रजेश भट्ट के हाल ही प्रकाशत गीत संग्रह‘संदली हवाएँ के लोकार्पण के अवसर पर मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए कही। समारोह की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रपति सम्मानित संस्कृत मनीषी भाषाविद् देवर्षि कलानाथ शास्त्री ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में इसका समर्थन करते हुए कहा कि गीतकार को गीत-प्रस्तुति के समय स्क्रिप्ट की आवश्यकता नहीं होती ये तो उसके कण्ठों में विद्यमान रहते है जबकि नई कविता जिसे वे विचार कविता के रूप में परिभाषित करते हैं का रचनाकार बिना स्क्रिप्ट के अपनी रचना प्रस्तुत नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जो काव्य स्वयं रचनाकार के कण्ठ में समाहित नहीं होती वह लोककण्ठ में कैसे समाहित होगी और जो कविता लोककण्ठों तक नहीं पहुँच पाती वह कालजयी कैसे हो सकती है निर्माण नगर जयपुर स्थित ब्राइट फ्यूचर स्कूल के सभागार में

10 नवम्बर को त्रैमासिक पत्रिका तैलंग कुलम् एवं अनुष्टुप प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह के विशिष्ट अतिथि गीतकार श्री लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल तथा मुख्य वक्ता शिक्षाविद् एवं आलोचक डाॅ. नरेन्द्र शर्मा ‘कुसुम थे। समारोह के आरंभ में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्ज्वलन व भट्टजी द्वारा रचित तथा नेहा भट्ट द्वारा प्रस्तुत सरस्वती-वन्दना के बाद तैलंग कुलम् के सह-सम्पादक तथा फर्स्ट इन्डिया चैनल के सीनियर काॅपी एडिटर ऋतुराज शर्मा व अनुष्टुप् प्रकाशन के निदेशक दर्पण गोस्वामी ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कवि व तैलंग कुलम् के सम्पादक भानु भारवि ने अपने बीज वक्तव्य में गीतकार ब्रजेश भट्ट के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। डाॅ. नरेन्द्र शर्मा‘कुसुम ने कृति एवं कृतिकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि भट्टजी ने जयपुर की धरती पर आकर यहां के सांस्कृतिक परिवेश, सरोकारों और जो भी उन्हें दिखाई दिया उन पर बहुत अच्छे गीत लिखे हैं। इनके गीत स्वोद्भूत हैं। गीतकार लोकेश कुमार सिंह‘साहिल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गीतकार ब्रजेश भट्ट ने रचना प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया तथा इस संग्रह में संकलित कुछ गीत भी तरन्नुम में सुना कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। ब्रजेश भट्ट को माला साफा ओढा कर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अन्त में भानु भारवि ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन डाॅ. स्वाति (भट्ट) गोस्वामी ने किया।