छुट्टी,,छुट्टी ,छूट्टी,अशोक गहलोत सरकार ध्यान दे,, लगभग 6 माह सरकारी छुट्टियों में निकल जाते हैं,आम जनता के काम आखिर कब होंगे पूरे, 10 से 5 बजे,6 दिवसीय सरकारी कार्यालय काम काज प्रणाली ,पुनः हो शुरू, वास्तविक जननायक बनें गहलोत

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राज्य में लालफीताशाही हावी हो रही है जनता की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान ना दिया जाकर कुछ हजार व्यक्तियों के लाभ और हानि की बात हो रही है,,,,,

  • जयपुर 7 अक्टूबर 2019(निक विशेष)राज्य सरकार कार्योलयों के पांच दिवसीय सप्ताह के कारण कार्य दिवस पहले इतने ज्यादा कम हो चुके हैं और उसमें फिर ऐसे अवकाश कोढ़ में खाज का काम करेगा..।। सरकार और कर्मचारियों का तर्क है कि पांच दिवसीय सप्ताह करने के साथ ही कार्यालयों का समय सुबह 10 से सायं 5 तक के स्थान पर सुबह 9:30 से सायंकाल 6 बजे तक कर दिया है इसलिए पांच दिवसीय सप्ताह सही है । अब आप सोचिए सरकारी कार्योलयों मैं बाहर से कोई भी व्यक्ति जब कार्य करवाने आता है तो अमूमन 10 बजे बाद ही आ पाता है और पांच बाद बाहरी व्यक्ति शायद ही आता हो , सर्दियों में तो बिल्कुल ही नहीं । अब बात कर लिजिए कर्मचारियों की बात , हर शहरी कार्यालयों मै लगभग 25 से 30% कर्मचारी अपने गांवो से या पास के अपने कस्बों से अप-डाऊन करते हैं जबकि ग्रामीण और कस्बों में स्थापित सरकारी कार्योलयों की स्थिति तो बिल्कुल विपरीत है वहां के तो 70 से 80% तक कर्मचारी 50 से 100 किलोमीटर की दूरी तक से अप-डाउन करते हैं । और स्थिति हर समय कार्योलयों की ऐसी रहती हैं कि सुबह 10 – 10.15 बजे तक 30 -35 % कर्मचारी ही कार्योलयों मै रहते है और शाम पांच बजे की स्थिति भी यही होती है और इसकी पुष्टि हमेशा जब भी औचक उपस्थित निरिक्षण होता है तो स्थिति सामने आती ही रहती हैं ..।
    आप सभी लोग सोचिए यदि राज्य कर्मचारी जो कार्यालय में काम करते हैं कितने कार्य दिवस काम करता है ।
    एक वर्ष में 104 दिन के तो शनिवार इतवार के अवकाश आते ही है ही है, इसके बाद लगभग 30 अवकाश सरकार द्वारा सार्वजनिक घोषित किए जाते हैं..अब उनमें से मान भी लिया जावे की 5 अवकाश शनिवार रविवार मैं आ गये तो भी 25 अवकाश होते हैं ।
    दो अवकाश जिला कलेक्टर द्वारा घोषित किए जाते हैं…

    15 आकस्मिक अवकाश , 2 ऐच्छिक, 30 उपार्जित अवकाश और 10 चिकित्सा अवकाश प्रतिवर्ष एक कर्मचारी को दिये जा रहे है .. जिसमें से आकस्मिक और ऐच्छिक अवकाश का तो सम्पूर्ण उपयोग कर्मचारी करता ही है । इस तरह लगभग 6 माह तो हर कर्मचारी के अवकाशों मैं ही निकल जाते है ।
    इसके अलावा बीच-बीच में एक दो अन्य आकस्मिक घटनाओं के कारण अवकाश आ ही जाते हैं… सरकार को चाहिए सार्वजनिक 29-30 अवकाशों की संख्या कम करें , क्योकि हर त्यौहार और उत्सव, जयन्ती पर अवकाश उचित नहीं है जिसको जो मनाना है मिलने वाले इतने अवकाशों मैं से उपभोग कर मनाएं ..
    साथ ही हर कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक मशीन अविलंब लगाई जाए क्योंकि हर कार्यालयों के कुछ सरकारी कर्मचारी कार्यालयों में आने के बाद भी कार्य के प्रति उदासीन ही रहते हैं, और वे कर्मचारी येन केन प्रकारेण सीट से उठकर भागने के लिए तैयार ही बैठे रहते हैं …

  • सरकार जनता की टैक्स के पैसे से कर्मचारियों को वेतन दे रही है उनसे जमकर काम भी लेना चाहिए , ना कि उनके दबाव में आकर उनके लिए नये नये आवकाशों प्रावधान करना चाहिए..।।
    राज्य सरकार को अविलंब छ: दिवसीय कार्य सप्ताह एवं समय 10 – 5 राजकीय कार्यालय खुलने का प्रावधान शीघ्र करना चाहिए…
    जिससे आम जन को राहत मिले …