कलमकार पुरस्कार समारोह,साहित्य को बढ़ावा देगी सरकार : विश्वेन्द्र सिंह

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– नामचीन लेखकों की 21 किताबों का किया विमोचन
– राजा रहमान की सूफीयाना प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोहा
– सत्या शर्मा ‘कीर्ति’ और सौरभ वाचस्पति को मिला ‘कलमकार’ अवार्ड

जयपुर, 4 मार्च2019।(निक सांस्कृतिक) राजस्थान में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। पहले पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग एक ही मंत्री के नियंत्रण में होते थे, लेकिन इनको अलग-अलग करने से सामंजस्य बैठाने में थोड़ी परेशानी होती है जिसे शीघ्र दूर कर साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह उद्गार राज्य के पर्यटन एवं देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने देश की प्रमुख साहित्य संस्था कलमकार मंच की ओर से जगतपुरा स्थित सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी में आयोजित पुलवामा में शहीद हुए जाँबाज सैनिकों और हिंदी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह को समर्पित ‘कलमकार’ पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने हिन्दी के नामचीन लेखकों की 21 किताबों का विमोचन भी किया। देर रात तक चले कार्यक्रम के दौरान राजा रहमान और साथियों की सूफीयाना प्रस्तुतियों ने सभागार में मौजूद दर्शक-श्रोताओं का मन मोह लिया। समारोह में संस्था की ओर से रांची की सत्या शर्मा ‘कीर्ति’ और सौरभ वाचस्पति को ‘कलमकार’ अवार्ड से नवाज़ा गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं जाने माने कवि ऋतुराज ने कलमकार मंच को साहित्यिक क्षेत्र में विस्फोट बताते हुए कहा कि बहुत कम समय में संस्था साहित्य की फैक्ट्री बन चुकी है, जो बड़ी तादाद में साहित्य सृजकों की नयी पीढ़ी तैयार करने के महत्ती काम को अंजाम दे रही है। कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने इस अवसर पर आगुन्तकों को स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी।

नामचीन लेखकों की 21 किताबों का किया विमोचन
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मुख्य अतिथि पर्यटन एवं देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा और सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी के चेयरमैन सुनील शर्मा ने उद्घाटन सत्र में कलमकार मंच द्वारा प्रकाशित डॉ. सत्यनारायण, नंद भारद्वाज, ईशमधु तलवार, चरणसिंह पथिक, कैलाश मनहर, बहादुर पटेल, प्रदीप जिलवाने, उमा, ओम नागर, तसनीम खान, पुष्पेन्द्र वैद्य, ओमप्रकाश नौटियाल, भागचंद गुर्जर, शकुन्तला शर्मा, कविता वर्मा, अंजू मोटवानी, पुरू मालव (पुरूषोत्तम), ओमवीर करन, कैलाश प्रसाद शर्मा (कैलास), सुन्दर बेवफा (भावनानी) और जानी मानी ज्योतिषविज्ञ हिमानी अज्ञानी की किताबों का विमोचन किया।

विभिन्न सत्रों में हुई पुस्तक समीक्षा
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ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी परिसर स्थित कालिंदी सभागार में प्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती, सुप्रसिद्ध लेखक एवं कवि विष्णु खरे, साहित्यकार शंकर सुल्तानपुरी, प्रसिद्ध लेखिका अर्चना वर्मा और उर्दू के वरिष्ठ साहित्कार पद्मश्री काज़ी अब्दुल सत्तार को समर्पित पुस्तक समीक्षा के विभिन्न सत्रों के दौरान देश के वरिष्ठ साहित्यकार ऋतुराज, दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, राजाराम भादू, सवाई सिंह शेखावत, विनोद भारद्वाज, महेश शर्मा, फारूक आफरीदी, प्रेमचंद गांधी, लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, राघवेन्द्र रावत, मनीष वैद्य, डॉ. जी सी बागड़ी, सुनील शर्मा, देवयानी भारद्वाज, प्रमोद पाठक, लक्ष्मी शर्मा, अजय अनुरागी, मनीष शर्मा, नवल कुमार शर्मा, शिवानी शर्मा, जय आहुजा, शशि सक्सेना और आचार्य अनुपम जौली ने 21 पुस्तकों पर चर्चा कर उनकी समीक्षा की।

कलमकार पुरस्कार विजेताओं को किया सम्मानित
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इस अवसर पर कलमकार मंच की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को अवार्ड दिये गए। इस वर्ष कहानी एवं लघुकथा श्रेणी में प्रथम पुरस्कार पंचकुला, हरियाणा के वाचस्पति सौरभ ‘रेणु’ की कहानी ‘रुपिया’ और द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः पाली, राजस्थान के विनोद कुमार दवे की कहानी ‘मुआवजा’ और वड़ोदरा, गुजरात की वंदना देव शुक्ल की कहानी ‘सुख’ को दिया गया। गीत, गजल, कविता श्रेणी में प्रथम पुरस्कार रांची, झारखण्ड की सत्या शर्मा ‘कीर्ति’ की रचना ‘सेल्समैन’ और द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः दौसा, राजस्थान के विजय राही की रचना ‘प्रेम बहुत मासूम होता है’ और जयपुर, राजस्थान की शिवानी शर्मा की रचना ‘सरस्वती होना’ को दिया गया।
निर्णायक मंडल के निर्णय के अनुसार कहानी एवं लघुकथा श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार आरती प्रियदर्शिनी (गोरखपुर), महेश कुमार शर्मा (जयपुर), ममता शर्मा (रांची), भारती कुमारी (गुरूग्राम), जय बब्बर बोहरा (जोधपुर), रक्षिता पारीक (जयपुर), कुमुद बाला (हैदराबाद), मुदित पारीक (बीकानेर), प्रेमसखी गोस्वामी (सांभर लेक) और फतेहसिंह भाटी (जोधपुर) और गीत, कविता एवं गजल श्रेणी में ज्योति देशमुख (देवास), मालिनी गौतम (संत रामपुर), विनोद कुमार दवे (पाली), कविता मुकेश (नई दिल्ली), सरोजनी तन्हा (मेरठ), हेमन्त खेतान (सीकर), सत्य प्रकाश ढाका (सीकर), रश्मि शर्मा (देवास), पुरू मालव (बारां) और हेमेन्द्र चण्डालिया (उदयपुर) को दिया गया।
निर्णायक मंडल में देश के जाने माने साहित्यकार चन्द्रभानु भारद्वाज, जितेन्द्र भाटिया, महेश कटारे, हीरालाल नागर, नरेश सक्सेना, ऋतुराज, अनामिका, रति सक्सेना, प्रेमचंद गांधी और प्रदीप जिलवाने, उमा और भागचंद गुर्जर शामिल थे।

मुख्य समारोह और विभिन्न सत्रों का किया संचालन
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प्रातः 10 बजे शुरू हुआ कलमकार समारोह देर रात तक चला। इस दौरान मुख्य समारोह एवं विभिन्न सत्रों का संचालन संगीता व्यास, सुनीता बिश्नोलिया, डॉ. निशा माथुर, ज्योत्सना सक्सेना, डॉ. प्रेरणा पुरोहित, रेणु शर्मा ‘शब्द मुखर, कुसुम शर्मा, मीनाक्षी माथुर और कविता मुखर ने किया। अंत में संस्था के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने सभी आगुन्तकों का आभार व्यक्त किया।