चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवम्बर को, अब घर बैठे मिलेगा न्याय, पक्षकारों की सुनवाई सीधे डिजिटल माध्यम से,,

169

जयपुर 14 अक्टूबर 2022।(निक विधिक) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देषानुसार राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष, 2022 की “ चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत “ का आयोजन दिनांक 12 नवम्बर (द्वितीय शनिवार) को किया जा रहा है, जिसमें समस्त राजीनामा योग्य प्रत्येक प्रकृति के दीवानी, फौजदारी तथा राजस्व आदि सभी प्रकरणों को सम्मिलित किया जा रहा है।

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव दिनेश गुप्ता ने बताया कि सभी बैंकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी तरफ से धन/ऋण वसूली मामलों के निस्तारण हेतु जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यवाही कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें आवष्यक सहयोग प्रदान करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक को भी विशेष निर्देश दिए हैं कि वे उच्च स्तर पर बैठक का आयोजन कर राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में समस्त बैंकों के लिए प्रभावी दिषा-निर्देष जारी किए जाने हेतु आवष्यक कार्यवाही करें।
राष्ट्रीय लोक अदालत की व्यापक सफलता के संबंध में पूरे प्रदेश में नवीन दिशा-निर्देश (नवाचार) जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व में आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालतों में अपनाई गई प्रक्रिया व पद्धति के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी प्री-लिटिगेशन के साथ-साथ लंबित प्रकरणों को भी राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर करने तथा उनमें आवश्यकतानुसार आॅन-लाइन प्री-काउंसलिंग आयोजित करने एवं अन्य समस्त संबंधित कार्यवाही अमल में लाए जाने हेतु व्यापक रूप से उपयोग लिया जावेगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु जो प्रकरण चिन्हित किए जा सकेंगे उनमें पूववर्ती प्रकरणों की श्रेणियों के साथ-साथ कई नए श्रेणी के प्रकरण भी शामिल किए हैं जिनमें किसी नागरिक एवं सरकार या उसके किसी विभाग/उपक्रम के मध्य सभी प्रकार के विवाद (राजस्थान लिटिगेषन पाॅलिसी, 2018 के तहत निराकरण के प्रयास) , मोटर दुर्घटना दावों से संबंधित क्लेम के विवाद,घातक दुर्घटना अधिनियम से संबंधित क्लेम के विवाद, फसल बीमा पाॅलिसी से संबंधित विवाद। ,पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं यथा निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना, प्रसूति सहायता योजना, हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना, सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना, शुभ शक्ति योजना, निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना, निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना, निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा भारतीय/राजस्थान प्रशासनिक सेवा हेतु आयोजित प्रारम्भिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन योजना, निर्माण श्रमिकों के पुत्र/पुत्री का आई.आई.टी./आई.आई.एम. में प्रवेश मिलने पर ट्यूशन फीस की पुनर्भरण योजना, निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार हेतु वीजा पर होने वाले व्यय की पुनर्भरण योजना एवं निर्माण श्रमिक अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं हेतु प्रोत्साहन योजना, आदि से संबंधित लम्बित प्रार्थना-पत्र, मोबाइल/क्रेडिट कार्ड के भुगतान से संबंधित विवाद,जन उपयोगी सेवाओं से संबंधित विवाद।
लंबित प्रकरणों की सूची में प्रकृति के प्रकरणों को भी शामिल किया गया है जो माननीय उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण- समस्त द्वितीय अपील, समस्त दीवानी विविध रिट याचिकाएं (अधीनस्थ न्यायालयों के आदेशों से उद्भूत), 05 वर्ष से अधिक पुरानी दीवानी सर्विस रिट याचिकाएं (पदोन्नति एवं वरिष्ठता संबंधित विवादों को छोड़कर), किसी नागरिक एवं सरकार या उसके किसी विभाग/उपक्रम के मध्य लम्बित सभी प्रकार के प्रकरण (राजस्थान लिटिगेषन पाॅलिसी, 2018 के तहत निराकरण के प्रयास) को भी शामिल किया गया है।

    जिला न्यायालयों/न्यायाधिकरणों/आयोगों/मंचों/अथाॅरिटी/प्राधिकारियों में लंबित प्रकरण- घातक दुर्घटना अधिनियम से संबंधित प्रकरण कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, भरण-पोषण सम्बन्धित प्रकरण, जन उपयोगी सेवाओं संबंधी विवाद से संबंधित प्रकरण,लंबित प्रकरणों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाते हुए इस बार रालसा की वेबसाइट के जरिए या सीधे ही डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से आॅनलाईन आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है। लम्बित प्रकरणों के लिए न्यायालय में उपयोग में लाए जा रहे में दर्ज प्रकरणों को संबंधित न्यायालय/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुका विधिक सेवा समिति के कार्मिक द्वारा डिजीटल प्लेटफार्म पर चिन्ह्ति कर रैफर किया जा सकेगा। कोई पक्षकार/अधिवक्ता अपने प्रकरण को राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर किये जाने हेतु रालसा की मोबाईल एप ‘न्याय-रो-सारथी’ को रालसा की वेबसाईट से इंस्टाॅल करके उस पर भी रिक्वेस्ट डाल सकता है। प्री-लिटिगेषन श्रेणी के तहत प्रस्तुत आवेदन पत्रों में विरोधी पक्षकार को व्यक्तिगत सुनवाई के साथ-साथ ई-मेल/मोबाइल या व्हाट्सअप पर काॅल के जरिए भी आॅनलाईन सुनवाई का अवसर प्रदान किया जावेगा।
    रालसा सचिव न्यायधीश गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु रैफर किए जाने वाले सभी लम्बित प्रकरणों को ऑनलाइन पर दर्ज/अपलोड किया जावेगा। इस प्लेटफाॅर्म पर प्री-काउंसलिंग हेतु नियमित रूप से काॅज-लिस्ट जनरेट होने का फीचर भी उपलब्ध कराया गया है। लोक अदालत को अधिक प्रभावी ढंग से आयोजित करने हेतु डोर-स्टेप काउंसलिंग कैम्प आयोजित किए जाते समय मेगा विधिक जागरूकता/चेतना शिविर भी आवश्यक रूप से आयोजित किये जावेंगे। संबंधित डोर-स्टेप काउंसलिंग कैम्प में सदस्य के रूप में स्थानीय निर्वाचित जन-प्रतिनिधिगण/सेवानिवृत सरकारी अधिकारी-कर्मचारी/प्रतिष्ठित व्यक्ति /सामाजिक कार्यकर्ता (आवष्यकतानुसार) प्रो-बोनो भाग लेंगे। श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के पंजीकरण के लिए एवं पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का मौके पर लाभ प्रदान करने के लिए कैम्प का आयोजन किया जावेगा। कृषि विभाग द्वारा फसल बीमा योजना के प्रमोशन के लिए कैम्प का आयोजन किया जावेगा। प्रत्येक बैंकिग/वित्तीय संस्थान द्वारा अपनी ऋण वितरण योजना, एकमुश्त समझौता योजना ;बैंक खाते खोलने संबंधी योजना एवं अन्य योजनाओं के प्रमोशन के लिए तथा बकाया राशि की वसूली कार्यवाही अमल में लाये जाने या मुकदमा दायर किये जाने से पूर्व बकाया ऋण की वसूली के प्रयासों के तहत कैम्प का आयोजन कैम्प के आयोजन में सहयोग के लिए अखिल भारतीय बैंक अधिवक्ता विधि संगम ट्रस्ट/स्थानीय जनप्रतिनिधियों की आवश्यकतानुसार प्रो-बोनो सेवाएं ली जा सकेंगी, ऐसे डोर-स्टेप काउंसलिंग कैम्पों में संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान की प्रभावी भागीदारी रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया/नाबार्ड के रीजनल आॅफिस तथा ब /आयोजना विभाग/ सहकारिता विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा सुनिश्चित की जावेगी। राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एवं जिला उपभोक्ता मंचों में लम्बित मामलों के अधिकाधिक निस्तारण हेतु अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी कर निर्देशित किया गया है कि जिला उपभोक्ता मंच, समस्त राजस्थान एवं राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के परिसर में आवश्यकतानुसार प्री-काउंसलिंग कैम्प आयोजित किये जावेंगे।
    राजस्व मण्डल, अजमेर/राजस्थान कर बोर्ड, अजमेर में लम्बित मामलों के अधिकाधिक निस्तारण हेतु अतिरिक्त दिषा निर्देष जारी किए जाकर प्री-काउंसलिंग कैम्प आयोजित किए जाने बाबत् निर्देश दिए गए हैं। केन्द्रीय प्रषासनिक अधिकरण/राजस्थान राज्य सूचना आयोग/राजस्थान राज्य सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण/रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल/अपीलीय अधिकरण, जयपुर विकास प्राधिकरण/राजस्थान राज्य सहकारी अपीलीय अधिकरण/राजस्थान राज्य गैर-सरकारी शैक्षिक संस्थान् अधिकरण/राजस्थान वक्फ अधिकरण/राजस्थान राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण/ऋण वसूली अधिकरण/भूमि अर्जन, पुर्नवासन एवं पुर्नव्यवस्थापन अधिकरण/राजस्थान रीयल एस्टेट अपीलेट ट्रिब्युनल ; जयपुर/राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेट्री अथाॅरिटी ;त्म्त्।द्धए जयपुर/औद्योगिक अधिकरण/श्रम न्यायालय/श्रम आयुक्त/उप-श्रम आयुक्त के न्यायालय में लम्बित मामलों के अधिकाधिक निस्तारण हेतु प्री-काउंसलिंग कैम्प आयोजित करने के दिषा निर्देष दिए गए हैं। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के श्रम/नियोजन संबंधी मामलों एवं मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामलों के अधिकाधिक निस्तारण हेतु भी विषेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं एवं इस बाबत् श्रम एवं नियोजन संबंधी मामलों को सुलह एवं समझौते के माध्यम से निस्तारित करने के लिए निदेशक मण्डल को आवश्यक नीतिगत निर्णय लिए जाने हेतु विचार करने बाबत् भी निर्देशित किया गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने हेतु इस बार नाबार्ड/सहकारी बैंक एवं ग्रामीण बैंकों से संबंधित विवादों को भी सम्मिलित किया गया है।