एचसीजी कैंसर सेंटर जयपुर ने ‘नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे 2022’ पर कैंसर को मात देने वालों के साथ किया,, संवाद और अदम्य साहस तथा इच्छा शक्ति के लिए किया उन्हें सम्मानित,,

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जयपुर, 04 जून, 2022:(निक चिकित्सा) भारत में कैंसर के उपचार की अग्रणी श्रृंखला एचसीजी कैंसर सेंटर, जयपुर ने कैंसर को मात देने वालों के साथ संवाद का कार्यक्रम “जियो जिंदगी फिर से” आयोजित कर और उन्हें सम्मानित कर नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे 2022 मनाया। इस कार्यक्रम के तहत एचसीजी कैंसर सेंटर के कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर से उबरने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात की। इस दिन कैंसर को मात देने वालों की ताकत की सराहना की गई और बताया गया कि वे उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं, जिन्हें हाल ही में कैंसर होने का पता चला है। कार्यक्रम में एचसीजी कैंसर सेंटर के सीओओ डॉ भरत राजपुरोहित के साथ डॉ मनीष चोमल, डॉ नरेश सोमानी, डॉ अभिषेक पारीक, डॉ जितेंद्र पहलाजनी, डॉ कपिल श्योरन और डॉ बीएस अंकित नेहरा शामिल हुए। ठीक होने के बाद नई जिंदगी शुरू करना कैंसर से उबरने वालों के सामने अलग किस्म की चुनौती होती है। कैंसर के उपचार का मतलब केवल शारीरिक रूप से ठीक होना नहीं है बल्कि मानसिक रूप से ठीक होना भी अहम है। कैंसर को मात देने वाले अक्सर कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझते हैं, जैसे कैंसर दोबारा हो जाने का डर, कष्ट, अवसाद और बेचैनी। इसे समझना जरूरी है और एचसीजी कैंसर सेंटर ने उन्हें इस बड़ी चुनौती से दृढ़ निश्चय के साथ पार पाने में उनकी मदद करने के लिए कदम उठाए हैं।
एचसीजी कैंसर सेंटर जयपुर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ भरत राजपुरोहित ने इस मौके पर कहा, “एचसीजी अच्छा इलाज देने में हमेशा सबसे आगे रहा है। हम सबसे अच्छी देखभाल करने और एक बार फिर जिंदगी ठीक से जीने में लोगों की मदद करने में विश्वास करते हैं। कैंसर से उबरने वालों के सामने कई समस्याएं होती हैं, जिनमें शारीरिक, मानसिक समस्याओं के साथ कैंसर के अनुभव के सामाजिक पहलू भी होते हैं। सही मार्गदर्शन के साथ इनसे पार पाना जरूरी होता है। नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे अपने संघर्ष में जीतने वालों के साथ खुशी मनाने और उनकी सराहना करने की हमारी कल्पना के बिल्कुल अनुरूप है।”

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ मनीष चोमल ने कहा, “कैंसर से उबरने वाले अधिकतर लोग आपको बताएंगे कि केवल इलाज कर देने से कैंसर का असर खत्म नहीं हो जाता। अक्सर उन्हें अपनी बीमारी के कारण लंबे अरसे तक तकलीफ झेलनी पड़ती है। नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे पर हम कैंसर को मात देने वालों की उन्हीं चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं। यह दिवस पूरी तरह उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ कैंसर को मात दी है। इस अवसर पर हम उम्मीद और भरोसे का संदेश देना चाहते हैं कि कैंसर से उबरने वाले बाकी लोगों से अलग नहीं हैं और वे हर नामुमकिन काम कर सकते हैं।”

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    आरजीएचएस की परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने कैंसर से उबरे सभी लोगों को सम्मानित किया और उनकी इच्छाशक्ति तथा जिजीविषा की सराहना की।
    कैंसर को मात देने वाले भिवेश चौधरी ने बताया, “मैं जयपुर से हूं। सितंबर 2020 में पता चला कि मुझे एनएसजीसीटी (नॉन-सेमिनोमा जर्म सेल ट्यूमर) है, जो एक तरह का टेस्टिक्युलर कैंसर और कैंसर 2बी स्टेज में पहुंच चुका था। उस समय मैं 24 साल का था। मुझे अपने पहले ऑपरेशन के बाद ही इसका पता चला। पहले तो मैं बिल्कुल डर गया क्योंकि कैंसर का नाम ही इतना डरावना है। डॉक्टरों से बात कर और परिवार वालों की मदद से मेरे दिमाग में केवल एक बात थी, मैं इससे कहीं ज्यादा मजबूत हूं, यह कुछ वक्त की बात है, वक्त गुजर जाएगा और मैं कैंसर को मात देकर पहले से भी अच्छा हो जाऊंगा। सही समय पर सही इलाज होने और बहुत अधिक देखभाल होने तथा मेरे विश्वास के कारण मैं मार्च 2021 में पूरी तरह ठीक हो गया। उस बीच मेरे 2 ऑपरेशन हुए और 4 बार कीमोथेरैपी हुई। मेरे दिमाग में केवल एक बात थी, मेरा परिवार मेरे साथ है, डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ मेरी सबसे अच्छी देखभाल कर रहे हैं, मुझे सकारात्मक रहना होगा क्योंकि यह एक बीमारी भर है। सकारात्मक सोच और डॉक्टरों में पूरे भरोसे के कारण अब मैं पहले से भी अच्छा हूं और अच्छी जिंदगी जी रहा