62 लाख की धोखाधड़ी के मामले में पीड़िता मोनिका को एडीजी क्राइम से बनी न्याय की उम्मीद, अब एसीपी वैशाली आलोक कुमार करेंगे पुनःगंभीरता से जांच, माननीय उच्च न्यायालय ने 25 मई 2022 को आरोपी विकास शर्मा को जारी किए समन,,

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जयपुर 28 मई 2022।(निक क्राइम) इंडसइंड बैंक जयपुर की डीसीएम शाखा के पूर्व मैनेजर विकास सतीश शर्मा पर मोनिका गारखेल ने गंभीर आरोप लगाया था की उनके साथ उन्हें विभिन्न स्कीम में इन्वेस्ट का झांसा देकर लगभग 62 लाख की धोखाधड़ी की गई । जिसकी एफआईआर चित्रकूट थाने में दर्ज है। मोनिका ने चित्रकूट थाने के तत्कालीन आईओ पर निष्पक्ष जांच नहीं कर आरोपी विकास को बचाने का प्रयास किया गया ।

बरहाल अब चित्रकूट थाने का तत्कालीन आईओ लाइन हाजिर और एसएचओ,एसीपी सभी के तबादले हो चुके हैं और कुछ महीने पहले ऊपर से दबाव पड़ने पर विकास गिरफ्तार भी किया जा चुका था। जो कि अब बेल पर है। तफ्तीश जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई और कोर्ट में मामला अभी विचारणीय है । विकास ने कबूल भी कर लिया कोर्ट के सामने की उसने मोनिका गारखेल से रुपए लिए हैं और वह उन्हें रकम लौटा देगा। लेकिन मोनिका के अनुसार उन्हें अभी तक ₹1 भी नहीं मिला है।

एडीजी क्राइम, रविप्रकाश

    ताजा स्थिति के बारे में मोनिका ने मीडिया को बताया की 10 फरवरी 2022 को मैने रविप्रकाश, एडीजी क्राइम को एक याचिका दी जिसमे उन बिंदुओं का उल्लेख है जो की पिछले आईओ वासुदेव सिंह कविया ने ठीक से तफ्तीश करी ही नहीं, यहाँ तक की 24 जनवरी 2022, सेशंस कोर्ट ने उसे बेल दे दी ।

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    गौरतलब है की बेल की याचिका में विकास शर्मा ने झूठे तथ्य दिए और इसके पहले भी माननीय उच्च न्यायालय, जयपुर में भी कुछ ऐसी ही झूठे तथ्य दिए थे। जिसकी वजह से माननीय जज नरेंद्र सिंह ढड्ढा ने बेल याचिका ख़ारिज कर दी थी। तीन महीने तक मुकदमा नंबर 297/2021 की तफ्तीश एडीजी क्राइम के दफ्तर से की गयी और अब मेरी फाइल रीइनवेस्टीगेशन के लिए, आलोक सैनी, एसीपी वैशाली को दी गयी हैं । मोनिका ने आगे बताया की मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बार निष्पक्ष जांच करी जायेगी और मुझे न्याय मिलेगा। मैने माननीय उच्च न्यालय में विकास सतीश शर्मा की बेल निरस्त करने कि भी अर्ज़ी लगाई है

    एडवोकेट कमल माथुर
    जिसकी पैरवी अधिवक्ता कमल कुमार माथुर ने की और माननीय जज नरेंद्र सिंह ढड्ढा ने 25 मई 2022 को आरोपी विकास शर्मा को समन जारी कर दिए और पुलिस को हिदयात देते हुए कि समन जल्द से जल्द सर्विस करवाया जाएँ। विकास शर्मा ने एक बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत होते हुए मुझसे 62 लाख रुपये की धोखाधड़ी की जिसकी की उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मुकदमा no 297/2021 में विकास सहित चार और आरोपी हैं ये जानना ज़रूरी होगा कि पांच में चारआरोपी बैंक में कार्यरत हैं और इस साज़िश का हिस्सा हैं। विकास सतीश शर्मा ने इंडसइंड बैंक डीसीएम ब्रांच में मैनेजर के पद पर कार्यरत होते हुए मुझसे 62 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इसिलए बैंक की भी पूरी ज़िम्मेदारी बनती है बैंक से इसका मुआवज़ा माँगा जाए और पता लगाया जाए की ऐसा फ्रॉड और कितने कस्टमर के साथ हुआ है। बैंक विकास सतीश शर्मा को नौकरी से निकालकर अपनी ज़िम्मेदारी से हाथ नहीं धो सकता है।
    मोनिका ने आगे बताया की मुकदमा नंबर 297/2021 में विकास सहित चार और आरोपी हैं, विकाश सतीश शर्मा की पत्नी लेना शर्मा जो की आइसीआईसीआई बैंक की अँधेरी वेस्ट ब्रांच मुंबई में हाल में लोन मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं,उनके भाई हरीश शर्मा, सहकर्मचारी संकेत, संतोष देशमुख व गोरख,अशोक गोरख खांडे भी इस षड़यंत्र में शामिल हैं। और इस साज़िश का हिस्सा हैं।

    एसीपी वैशाली
    पीड़िता मोनिका आलोक कुमार, एसीपी वैशाली पर विश्वास जताते हुए कहा की इसकी जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच की जाएगी और ऐसे षड़यंत्र रचने वाले धोखाघड़ी करने वाले आरोपों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए।