श्रमिक को सेवा से हटाना गलत- हाईकोर्ट,,

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जयपुर 3 दिसम्बर 2021।(निक न्यायालय) श्रमिक राजेंद्र सिंह की नियुक्ति सन 1986 में हुई थी। निरंतर 1989 तक कार्य किया। बिना सूचना के मौखिक आदेश से श्रमिक को विभाग ने सेवा से हटा दिया। अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने मामले की पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया कि सेवा मुक्त करने की अवधि तक श्रमिक ने 240 दिन की सेवा पूर्ण कर ली थी अतः श्रमिक को सेवा से हटाया जाना गलत है ।

साथ ही औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत 3 वर्ष की अवधि के अंदर श्रम न्यायालय में वाद भी प्रस्तुत कर दिया गया था परंतु श्रम न्यायालय ने फैसले में इस बात को नहीं मानते हुए खारिज कर दिया। श्रमिक ने उक्त आदेश को राज.हाईकोर्ट में चुनौती दी। उक्त तर्को व याचिका की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने वन- विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिवस के अंदर अपना जवाब प्रस्तुत का आदेश जारी किया।