जयपुर 20 नवंबर 2021।(निक विशेष)शराब ठेकेदारों ने राज्य सरकार से विभिन्न रियायतें मांगने के साथ ही समस्याओं का समाधान नहीं होने तक आंदोलन की घोषणा की है। इसके लिए शनिवार को प्रदेशभर से आए ठेकेदारों ने राजधानी के शहीद स्मारक पर धरना देकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया और सीएम हाउस की तरफ कूच किया लेकिन बीच में ही पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद ठेकेदारों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में वित्त सचिव टी. रविकान्त से वार्ता की। इस दौरान 15 दिनों में शराब ठेकेदारों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया।
लिकर कॉन्ट्रेक्टर यूनियन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष पंकज धनखड़ ने बताया की कोरोना काल में भी ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद शराब ठेकेदारों पर शराब बेचने का दबाव बनाकर उनसे माल उठवाया गया। इस कारण कई ठेकेदार माल उठाने के बाद नहीं बिकने से आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं। इसके बाद10 प्रतिशत से कम उठाव होने के बावजूद सरकार दबाव बना रही है कि शराब उठाई जाए नहीं तो घरों और संपतियों की निलामी की जाएगी। ऐसे में उनके पास दुकान छोडऩे और आर-पार की लड़ाई करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है। शराब ठेकेदारों की आर्थिक हालत खराब होने के कारण सेल्समैन को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारी हालत में भी शराब ठेकेदारों को रियायत देने के बजाय उन्हें धमकाकर मंथली वसूल रहे हैं.
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शराब ठेकेदार यूनियन की ओर से शराब ठेकों में गारंटी की बात समाप्त करने, नई शराब नीति में निलामी बोली होने के कारण कम्पोजिट फीस हटाने, सभी प्रकार के राईडर हटाने, देशी शराब में बीएसएफ को एक्साईज में शामिल करने, अंग्रेजी शराब में बिलिंग पर 22 प्रतिशत कमीशन करने, अंग्रेजी शराब में पैनल्टी पिछले वित्त वर्ष की तरह बीयर पर 10 रुपये प्रति लीटर और आईएमएफएल में 20 रुपये प्रति बल्क लीटर करने, दुकान खोलने का समय सुबह 10 से रात 10 बजे तक करने, 2006 की नीति अनुसार एकमुश्त परमिट फीस लेने और
आरएसबीसीएल और आरटीडीसी की तर्ज पर अनुज्ञाधारी को दुकान छोडऩे की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया।