महिला व उसके 10 साल के बेटे को बीच मझदार में छोड़ा, पीडित महिला ने ससुराल वालों पर पति को बरगलाने व अलग कर संपत्ति हड़पने का लगाया आरोप,,,,अब पत्नी को पति से मिलने से रोका जा रहा है,,

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जयपुर 13 अगस्त 2021।(निक क्राइम) मामला समाज के एक और घिनौने चेहरे की तस्वीर का है। ओमेंद्र सिंह की पत्नी सुमित्रा सिंह ने बताया कि मेरा विवाह 16- 5- 2010 को ओमेंद्र सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी काली पहाड़ी चारणवास अचरोल के साथ हुआ था। जिसके एक पुत्र विश्वजीत सिंह जो आज 10 वर्ष का हो गया है। ओमेंद्र सिंह पीएचडी विभाग में पंप चालक की नौकरी करता है। जिसने विवाह के 2 वर्ष बाद मुझे घर से निकाल दिया अब मैं और मेरा पुत्र अकेले मुरलीपुरा में रहती है।
मैंने मेरे एवं मेरे पुत्र के भरण पोषण के लिए पारिवारिक न्यायालय में मेंटेनेंस का केस किया था जिसमें न्यायालय ने 7 हजार रुपए मेरे खर्च के प्रतिमाह एवं मेरे पुत्र जब तक वयस्क नहीं हो जाता के 4 हजार रुपए प्रतिमाह देने के आदेश दिए। जो कि सैलरी से सीधे कटकर मेरे खाते में जमा हो रहे थे।

लेकिन अब ओमेंद्र एवं उसके सभी परिवार वाले मोहन कंवर , महावीर सिंह, जितेंद्र सिंह, सुमन कंवर, शिवजी आदि ने मिलकर मेरे बीमार पति पर दबाव बनाकर मिली भगत से वीरआरएस दिलवा दिया।
जिससे मेरा और मेरे बेटे का गुजारा भत्ता बन्द हो गया साथ ही मुझे वह मेरे बेटे को अपने पिता ओमेंद्र से मिलने नहीं दे रहे।
मैं एवं मेरे पुत्र जब मिलने जाते हैं तो उसके परिवार वाले गाली गलौज कर के भगा देते हैं। पिछले कई समय से ओमेंद्र के बीमार होने की जानकारी मिली ।मई के महीने में वह कोरोनावायरस से पीड़ित हो गए। उसके बाद ही इन सभी लोगों ने षड्यंत्र रच कर ओमेंद्र के अस्पताल में रहते हुए वीआरएस की कार्यवाही की जिससे मेरे व मेरे बेटे का भरण पोषण राशि मिलना बंद हो जाए।
मुझे पूरा अंदेशा है कि महावीर सिंह व जितेंद्र सिंह ने हस्ताक्षर बनाकर प्रार्थना पत्र दिया है। जिसकी विभाग द्वारा हमें कोई भी विधिक सूचना नहीं दी गई,जबकी अभी मेरे पति की काफी वर्षों की नौकरी बाकी है। इसकी जांच की मै गुहार लगाती हू। मुझे संपत्ति से वंचित करने की ससुराल वालों की साजिश है।जिसकी एक रिपोर्ट मैंने मुरलीपुरा थाने में दर्ज करवा रखी है।
13 अगस्त को भी मैं पति से मिलने के पहले थाना चंदवाजी में जाकर के अधिकारियों से गुहार लगाई कि मुझे अपने पति से मिलवा दो तो पुलिस अधिकारी ने कहा है कि पति से मिलना आप का नैतिक अधिकार है। आप जाकर मिल लो अगर कोई समस्या आती है आपके साथ कोई मारपीट करता है तो उसकी सूचना हमें देना हम कार्रवाई करेंगे।

    मुझे मारपीट का अंदेशा था वही हुआ । जैसे ही मैं उनकी बहन के घर में घुसी उन्होंने मेरे साथ गाली गलौज चालू कर दी और मेरा देवर और रिश्तेदार मारने के लिए भागे तो मैं डर कर बाहर आ गई।
    मैंने सभी से हाथ जोड़कर कहा कि मुझे मेरे पति से एक बार मिलने दिया जाए और उन्होंने मना कर दिया फिर
    थोडी देर बाद मेरे द्वारा बाहर मिलने की विनती की एवं गांव वालों के दबाव में आकर वह लोग मेरे पति को मकान के दरवाजे तक लाए और कहा कि यह तुमसे नहीं मिलना चाहते और वापस अंदर ले गए।
    पीडित महिला का कहना है कि उसे उसके बीमार पति की सेवा का मौका देकर मुझे उनसे मिलने दिया जाए और मुझे और मेरे बेटे को न्याय मिले ।
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