डॉ.रमेश गांधी को मिला रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड ,,, तंबाकू नियंत्रण मॉडल किया विकसित ,,

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जयपु 11 जून 2021 ।(निक विशेष) आम तौर पर यूरोपीय और अमेरिकियों के शोध कार्य को ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व और पुरस्कार दिए जाते हैं। लेकिन इस बार कहानी कुछ और है।भारत में तंबाकू नियंत्रण हेतु विकसित किए गए ”एंड स्मार्ट मॉडल’ को इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स, बैंगलोर द्वारा 2021 के लिए रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया है।यह मॉडल गांधी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. रमेश गांधी द्वारा भारत में तंबाकू के उपभोग और नियंत्रण की खामियों पर 6 वर्ष तक जमीनी व व्यापक शोध कार्य के बाद विकसित किया गया है।डॉ. गांधी 2004 से, अर्थात पिछले 17 वर्षों से तंबाकू नियंत्रण और सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।उन्हें भारत के लिए यह मॉडल विकसित करने की प्रेरणा तब मिली जबवे अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, बाल्टीमोर में “ग्लोबल टोबैको कंट्रोल लीडरशिप प्रोग्राम” कोर्स कर रहे थे।मॉडल को भारत और भारतीय विश्वविद्यालयों से एकमात्र प्रस्तुति के रूपमें वाशिंगटन डीसी अमेरिका में पांचवीं वर्ल्ड सोशल मार्केटिंग कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया था।उक्त शोध को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने हेतु भारतीय सामाजिक विज्ञान परिषद मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली एवं टाटा ट्रस्ट द्वारा भी सहयोग किया गया था। उक्त मॉडल न केवल तंबाकू के मांग पक्ष को बल्कि आपूर्ति पक्ष को भी नियंत्रित करने हेतु जोर देता है। यह सोशल मार्केटिंग के 8 मूल सिद्धांतों पर आधारित है तथा  यह कुल 8 प्रकार के हस्तक्षेपों का सुझाव देता है जिसमें आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए 3, और मांग को नियंत्रित करने के लिए 5 हस्तक्षेप शामिल हैं।इस शोध को कई हितधारकों की सक्रिय भूमिका बताई गयी है। 
तंबाकू तथा कोरोना:से रोजाना 3600 की मृत्यु:
तंबाकू महामारी से निपटने के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए, डॉ. गांधी कहते हैं कि “तंबाकू भारत के लिए कोरोना से कम खतरनाक नहीं है।अगर हम माह मई,2021 में भारत में हुई मृत्यु के आंकड़े लेते हैं, तोतंबाकू और कोरोना दोनों ही रोजाना लगभग 3,600 व्यक्तियों की जानले रहे हैं ।फर्क सिर्फ इतना है कि तंबाकू से होने वाली मौतों के बारे में चुप्पी है और कोरोना मौतों के बारे में बहुत शोर। 
तम्बाकू की आर्थिक कीमत:
रु 9,000 करोड़ प्रति माह:

उन्होंने कहा, “भारत के 27 करोड़ (270 मिलियन) तंबाकू के आदी लोग स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा आर्थिक बोझ हैं, जिसकी कीमत लगभग 9,000 करोड़ रुपए हर महीने है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर हम भारत के तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के दृष्टिकोण को नहीं बदलते हैं तो हम कभी भी ‘तंबाकू मुक्त समाज’ नहीं बन सकते हैं। क्योंकि, प्रतिदिन तंबाकू की शुरुआत करने वालों की संख्या 6,600 से अधिक है, जो तंबाकू छोड़ने और मारे जाने वालों की कुल संख्या से बहुत अधिक है। 
मॉडल की वैश्विक प्रशंसा:
आरटीआई इंटरनेशनल, यूएसए में लीड चेंज डिजाइनर प्रो. क्रेग लेफेबेवर ने लिखा है कि “एंड स्मार्ट मॉडल भारत और अन्य विकासशील देशोंमें तंबाकू नियंत्रण और स्वास्थ्य के बदलते परिप्रेक्ष  के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।” ब्राइटन यूनिवर्सिटी लंदन तथा स्ट्रैटेजिक सोशल मार्केटिंग लिमिटेड, यूके के सीईओ प्रोफेसर जेफ फ्रेंच तथा सोशल मार्केटिंग की विश्व प्रसिद्ध लेखिका तथा वाशिंगटन विश्वविद्यालय, अमेरिका की प्रोफेसर नैन्सी ली ने भी मॉडल की सराहना की।