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स्लीप एप्निया ग्रसित का हुआ दुर्लभ उपचार,फोर्टिस ने फिर एक बार चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की।

मोटापे से रहित व्‍यक्ति में स्‍लीप एप्निया (ओएसए) के एक दुर्लभ मामले का उपचार हुआ
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर में विशेषज्ञों की एक टीम ने कई स्तर पर होने वाली सर्जरी को एक ही बार में पूर्णकर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया का किया सफल इलाज,,,

जयपुर, 20 मई 2019: सामान्यतः स्लीप एप्निया मोटे व्यक्तियो में पाया जाता हैं। जिनका बॉडी मास्स इंडेक्स लगभग 30 या उससे अधिक होता हैं । परन्तु इस मामले में मरीज का वजन सामान्य था और बी ऍम आई 23.8 % था | फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में एक ही चरण में की गई यह दुर्लभ सर्जरी सामान्यतः कई चरणों में की जाती हैं | एक ही चरण में सफल सर्जरी होने के कारण रोगी को मात्र दो दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जिससे मरीज को मानसिक, आर्थिक एवं पारवारिक स्तर पर होने वाले नुकसानों से राहत मिली।
38 साल के तरुण वर्मा जब जयपुर के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के ईएनटी विभाग में अपनी समस्‍या को लेकर आये तब उनकी हालत बहुत ही नाजुक थी और वे ओएसए की समस्‍या से ग्रस्‍त थे। चूंकि तरुण का बीमएमआई 23.8 था, यानी वे मोटापे के शिकार नहीं थे, ऐसे में उनमें मोटापे से संबंधित इस बीमारी का होना बहुत ही दुर्लभ बात थी। खर्राटे और दिन में अत्यधिक नींद आने की समस्‍या ने उनके काम और जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया था क्योंकि इसके कारण वे निरंतर उनींदापन या सुस्‍ती से परेशान रहते थे। उनको काम के दौरान, टेलीविजन देखते वक्‍त या गाड़ी चलाते वक्‍त भी नींद आ जाती थी। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) नींद से संबंधित विकार है जो नींद के दौरान बार-बार सांस लेने में समस्‍या का कारण बनता है। जब उनकी नींद का अध्ययन किया गया तो उसमें गंभीर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया ओएसए का संकेत मिला। उनका एप्निया हाइपरनिया इंडेक्‍स (एएचआई) जिसका उपयोग स्लीप एप्निया की गंभीरता को इंगित करने के लिए किया जाता है, उसे 79.6 में आंका गया था। एएचआई का 30 से ऊपर होना ओएसए को दर्शाता है।
उनकी इस स्थिति का पता लगाने के लिए आगे की जांचो में उनके गले और मुंह की भीतरी संरचना में कुछ समस्याएं पाई गई | जांच में पाया गया की उनके मुँह और नासिका के बीच में उपस्थित फैरिंक्स और एपिग्लॉटिस के सॉफ्ट पैलेट (तालू) के टिश्यू कुछ नीचे की ओर थे और जीभ का निचला हिस्सा काफी मोटा था जिससे सांस के रास्ते में बाधा उत्त्पन हो रही थी।

इस सर्जरी के बारे में बात करते हुए डॉ. मोहन कुलहरी ने बताया की ” स्लीप एप्निया एक नींद और सांस सम्बंधित बीमारी हैं जिसमें मरीज को अत्यधिक नींद आती हैं , जोर से खर्राटे आते हैं, कभी कभी सांस लेते समय भी सामान्य से अधिक आवाज आती थी। रोगी काम करते करते, बात करते करते भी सो जाता हैं । इससे उनकी कार्य क्षमता काफी प्रभावित होती हैं । यह समस्या धीरे धीरे गंभीर होती जाती हैं, जिससे मरीज को कही भी किसी भी समय नींद आने लगती हैं और नींद में सांस में बाधा उत्त्पन होती हैं | इस केस में मरीज के मुँह और नाक की भीतरी संरचना में कई समस्याएं थी | इस प्रकार की समस्याएं सर्जरी द्वारा ही ठीक की जा सकती हैं और सामान्तया ये सर्जरी कई चरणों में होती हैं जिससे रोगी का इलाज काफी लम्बा चलता हैं बार बार सर्जरी होने से रोगी पर आर्थिक वे मानसिक भार भी आता हैं| हमने एक सफल प्रयास कर यह सर्जरी एक ही चरण में पूर्ण की और मरीज़ जीभ, नासिक एवं ग्रसिका की संचारात्मक सुधार कर मरीज को मात्र दो ही दिन में छुट्टी भी दे दी | लगभग 3 घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी के बाद रोगी को तत्काल राहत मिली| अब वो जल्द ही अपनी सामान्य दिनचर्या को पुनः अपना पाएंगे”|
सर्जरी और रोगी की स्थिति के बारे में बताते हुए डॉ. बलजीत सिंह खंडूजा कहते हैं, ” सामान्तया सामान्य वजन वाले लोगो में यह समस्या नहीं होती, इसी कारण मरीज़ का ध्यान स्लीप एप्निया की ओर नहीं जाता | परन्तु अधिक वजन ओर अधिक बी .ऍम. आई ही नहीं बल्कि अन्य कई कारण भी हो सकते हैं जो की सीवियर स्लीप एप्निया की वजह बन सकते हैं| जैसे की इस केस में रोगी की शारीरिक संरचना थी | ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया नींद के दौरान सांस मार्ग में अवरोध या दबाव से उत्त्पन सांस लेने में समस्या होती हैं| यह एक गंभीर समस्या हैं कभी कभी रोगी को नींद में सांस लेने में अत्यधिक समस्या होती हैं जो की घातक हैं और रोगी को अत्यधिक नींद आने से कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते हैं | लगभग तीन घंटे तक चली इस सर्जरी के माध्यम से हमारी टीम एक ही चरण में मरीज के जीभ की संरचना, तालु की संरचना में सुधार व टॉन्सिल्स को पृथक कर रोगी का उपचार किया|
डॉ. राजीव लोचन तिवारी, डायरेक्टर- एनेस्थीसिया, फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल, जयपुर और डॉ. अंकित बंसल, कंसल्टेंट- पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल, जयपुर भी इस महत्‍वपूर्ण सर्जरी का हिस्‍सा थे। जब मरीज को अस्‍पताल से छुट्टी दी गई तब उनकी स्थिति में 90% सुधार हो चुका था।
”ओएसए के लिए बहु स्तरीय सर्जिकल उपचार को एक एकल चरण प्रक्रिया में जोड़ना एक कठिन कदम था लेकिन हमारी उच्च कुशल और योग्य टीम इस जटिल प्रक्रिया के बारे में बहुत आसानी से समझ गई। इसमें एक बहु अनुशासनिक टीम का एक साथ आना भी शामिल था जिसने जटिल प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम किया। यह हमारी क्षमता में एक प्रमुख प्रगति है और हमें उम्मीद है कि भविष्य में यह बड़ी संख्या में ओएसए रोगियों को लाभान्वित करेगा।।” फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के जोनल डॉयरेक्‍टर विवान गिल ने ये बातें कहीं।

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