बढ़ती गर्मी और प्रदूषण से अस्थमा में बढ़ोतरी:डॉ अंकित

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फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल के चिकित्सको ने बताई मौसमी बीमारियों एलर्जी और अस्थमा के मरीज़ो में लगभग 30% की वृद्धि,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चिकित्सको ने दी धूप और धूल से बचने की सलाह
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जयपुर, 07.05.2019:(निक मेडिकल) बढ़ती गर्मी के साथ जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में डॉक्टरों के अनुसार पिछले 15 दिनों में अस्थमा सहित एलर्जी की शिकायत वाले मरीज़ो में वृद्धि हुई हैं | इस स्थिति को देखते हुए, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में पल्मनोलॉजिस्ट डॉ अंकित बंसल ने इस मौसम के दौरान हाइड्रेटेड रहने और धूप से बचने की सलहा दी हैं।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अंकित बंसल कहते हैं, “पिछले 15 दिनों में लगभग 200 से अधिक मरीज एलर्जी व् अस्थमा की शिकायत लेकर अस्पताल आये जो की लगभग उन मामलो में 30 % की बढ़ोतरी दर्शाती है | अधिकांश मरीजों को गर्मी के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ थी जैसे कि जी मिचलाना, बेहद थकान महसूस होना, सिर चकराना और डीहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी होना)। बहुत सारे मरीजों को गम्भीर एलर्जी की शिकायत भी हो रही है क्योंकि इन दिनो हवा में धूल की मात्रा बढ़ रही है। कुछ मरीज, खासकर वे लोग जो लम्बे समय तक बाहर रहते हैं और किसी भी स्रोत से पानी पी लेते हैं, उन्हें पेट दर्द की शिकायत काफी ज्यादा हो रही है। जो लोग लम्बे समय तक धूप के सम्पर्क में रहते हैं उन्हें नाक से खून बहने की शिकायत हो रही है-दरअसल गर्मी के चलते हमारी नाक के झिल्ली सूख जाते हैं और ऐसे में अक्सर क्रस्ट बन जाता है और नाक से खून आने लगता है। कुछ लोगों को खांसी और ज़ुखाम भी हो जाता है जो लम्बे समय तक ठीक नहीं होता है, यह भी एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन होता है।“

मौसमी बदलाव माइग्रेन व अन्य प्रकार के गम्भीर सिरदर्द को भी ट्रिगर करता है। इसके अलावा, मौसमी बदलाव साइनस अथवा बिना माइग्रेन वाले सिरदर्द की समस्या बढ़ सकता है। वातावरण सम्बंधी कारणों से होने वाली दिक्कतों की शुरुआत आँखों में खुजली और खांसी जैसे लक्षणों से होती है। कुछ लोगों में, यह फुल-ब्लोन अस्थमेटिक अटैक में भी तब्दील हो सकता है।

निवारक उपायों पर टिप्पणी करते हुए, डॉ बंसल ने कहा, “फलों के साथ-साथ खूब पानी पिएं। गर्मी के मौसम के दौरान मौसमी बीमारियों से बचने के लिए हर एक को हाइड्रेटेड रखना महत्वपूर्ण है। हमें विशेष रूप से दोपहर के वक़्त बाहर निकलने से भी बचना चाहिए जब सूर्य अपने चरम पर हो। साथ ही साथ, घर के वातावरण को साफ रख कर अस्थमा को काफी हद तक रोका जा सकता हैं । हाइपरथर्मिया या हीट एग्जॉशन से बचने के लिए हल्के रंग के सूती कपड़े भी पहनने चाहिए। थकावट या सांस फूलने जैसे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के बारे में,,,,,,

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