क्लिनिकल रिसर्च मैथडोलॉज़ी कार्यशाला सम्पन्न

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“रिसर्च के विभिन्न आयाम” विषय पर हुई चर्चा,,,,,,

जयपुर 1मार्च2019।(निक चिकित्सा) नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में क्लिनिकल रिसर्च मैथडोलॉजी विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ हैल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईआईएचएमआर) के सानिध्य से आयोजित इस कार्यषाला का समापन शुक्रवार को हुआ।
इस मौके पर विषेषज्ञों की ओर से शोध क्रियाविधि, थिसिस रिसर्च एंड प्रोटोकॉल राइटिंग से जुडे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) विद्यार्थियों के लिए आयोजित कॉन्फ्रेंस में चिकित्सा क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान की विभिन्न चरणों की विस्तार से जानकारी दी गई।

गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस पर आयोजित सेशन में दौरान डॉ एसजी काबरा ने बताया कि नई औषधियों के अनुसंधान में रोगियों पर परीक्षण किया जाता है। डीजीसीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) के नियमों के अनुसार किसी भी रोगी से परीक्षण में शामिल होने की स्वीकृति लेने से पूर्व उसे अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए।
रोगी से स्वीकृति लेने में किसी भी तरह का दबाव शामिल नहीं होना चाहिए। कार्यषाला समन्वयक डॉ असीम कुमार सामर ने बताया कि कार्यषाला में अनुसंधान के चयन से लेकर उसके प्रकाशित होने में किस तरह की बातों को ध्यान रखा जाए इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
जिसमें आईआईएचएमआर के डॉ अनूप खन्ना, डॉ जेपी सिंह और डॉ मोहन बैरवा ने विषय के बारे में जानकारी दी।