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साहित्य के बाजारीकरण को साहित्यिक चेलेंज दे रहा है,समानान्तर साहित्य उत्सव, अपने दूसरे संस्करण का हो चुका है आगाज़,तीन दिन होगी सच्चे साहित्य की पड़ताल

राजनीति की ठग विद्या,,चम्बल गाथा,
जैसे लगभग 150से अधिक होंगे सत्र

जयपुर 27 जनवरी2019।(NIK culture)आज 27 जनवरी को हुआ समानान्तर साहित्य उत्सव का साहित्यिक आगाज़ ।

सूफियों का प्रेम दर्शन
चरण सिंह पथिक व डॉ सन्तोष भदौरिया ,चम्बल गाथा पर चर्चा करते हुए

प्रगतिशील लेखक संघ की पहल का नतीज़ा, साहित्य के बाज़ारीकरण के खिलाफ हिंदी व भारतीय मूल के भाषायी साहित्य के समृद्ध लेखकों व साहित्यकारों के विचारों के आदान प्रदान का मंच बना है पी एल एफ ।
धूप में साहित्यिक चर्चा में व्यस्त प्रबुद्ध साहित्य जन

27 से 29 जनवरी ,तीन दिन चलने वाले इस महा उत्सव में लगभग 40 हज़ार लोंगो के आने की संभावना है ।
150 से अधिक अलग अलग विषयों पर सत्रो के माध्यम से चर्चा होगी ।
विनोद भारद्वाज,के संयोजन में पंकज राग,,मायारानी के साथ सुर मेरा तुम्हारा में फिल्म संगीत पर संवाद करते हुए

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