
जहाँ प्रांतीय ,भाषायी के साथ हिंदी साहित्य के लेखकों को हिकारत की नज़र से देखा जाता है । शराब बिना समय परोसी जाती है ।
ऐसे साहित्य के अपभ्रंश के आयोजनों के साथ सच्चे साहित्य के कर्णधारों को मानसिक आघात का शिकार होना पड़ता है पर शारीरिक आघात का दृश्य देखने को मिला।
आज जे एल एफ की शुरुआत होने के साथ ही एक बड़ा हादसा हुआ दोपहर 1:00 बजे के आसपास लंच एरिया की जगह में ,जहाँ अचानक एक पुराना पीपल का पेड़ भरभरा कर नीचे गिर पड़ा. उस वक्त तकरीबन आधा दर्जन लोग उस पेड़ की चपेट में आने से आंशिक रूप से घायल हो गए ,जबकि उस पीपल के पेड़ के कुछ फिट की दूरी पर खाने का पंडाल लगा था जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।घायलों में कुछ पत्रकार भी शामिल है । तंग जगह होंने के कारण एम्बुलेंस भी पहुंच सकने में असमर्थ है ।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं लिटरेचर फेस्टिवल में लगातार भीड़ होने के कारण एंबुलेंस तक पहुंचने की व्यवस्था नहीं है इसके साथ ही अग्निशमन के उपाय भी प्रत्यक्षदर्शियों को नाकाफी नजर आ रहे हैं. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की आज शुरुआत हुई है, यहां सचिन पायलट शशि थरूर जैसे बड़े नेताओं के साथ साथ देश के कई नामी गिरामी साहित्यकार यहां पहुंचे हैं।
इस हादसे की खबर के बाद से ही लोगों में यहां सुरक्षा को लेकर काफी चिंता देखी जा रही है.
शहर के व्यस्ततम इलाके में होने की वजह से डेली रूटीन के,मार्गो का यातायात भी डाइवर्ट कर दिया गया है। जहाँ नज़दीक ही शहर का बहुत बड़ा सवाईमानसिंह अस्पताल है जहां सभी आमजन के साथ वीवीआईपी का इलाज होता है, कुछ दूरी पर ही यातायात कार्यालय भी है ।
लगता है शहर में इससे पहले कोई सेलेब्रेटी नहीँ आया,या कोई साहित्य सम्मेलन हुआ नहीं है। ऐसा पहले कभी देखा गया हो याद नहीं आता जहाँ यातायात विभाग,पुलिस प्रशासन व अन्य सुरक्षा के माकूल इंतजाम होने से संतुष्ट थे यह अभी स्पष्ट नहीँ हो पाया है ।
टीम फेस्टिवल को आगे के लिए जनता को विस्वास दिलाना ही होगा ।
जयपुर वैसे ही अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए विश्व प्रसिध्द है ,इसकी विरासत को बदनाम करने का प्रयास ना करे।
साहित्य ,कला संस्कृति के अपभ्रंश की हर वर्ष कहानी बयां करता जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल,, आज लोगों की जान पर आफत लेकर आया, पेड़ गिरने से अन्य के साथ एक वरिष्ठ फ़ोटो जर्नलिस्ट के सर में गम्भीर चोट आई है
