देशी विदेशी फिल्मों की सतरंगी विदाई,जिफ का हुआ समापन,अवार्ड्स समारोह छोड़ गया सुनहरी यादें

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अवॉर्ड्स नाइट से सजी जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शाम

बिफोर आइ फॉर्गेट फिल्म को मिले सबसे ज़्यादा अवॉर्ड्स

जयपुर 22 जनवरी2019।(NIK culture)पाँच तक दिन लगातार फ़िल्मों के प्रदर्शन के बाद आख़िर वह शाम आ ही गई, जिसका शहर भर के फिल्म प्रेमियों को इंतज़ार था। सिनेमा प्रेमियों से खचाखच भरा गोलछा हॉल, दर्शकों के चेहरों पर उत्साह और चारों ओर रोमांच से भरी एक ख़ुशगवार शाम। यह दृश्य है, जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल २०१९ के पाँचवे दिन का, जहाँ देशी – विदेशी फ़िल्मों को अवॉर्ड्स दिए गए। फ़िल्मों के नाम रहे इस पाँच दिवसीय अऩ्तर्राष्ट्रीय समारोह में शहर के आम और ख़ास ने बढ़ – चढ कर हिस्सा लिया। जिफ संस्थापक हनु रोज ने फिल्म उत्सव को कामयाब बनाने के लिए, मौजूद रहे फ़िल्मकारों और ज्यूरी सदस्य सहित तमाम लोगों का धन्यवाद दिया। साथ ही हनु रोज ने जयपुर शहर वासियों का भी शुक्रिया अदा किया, जिनकी मौजूदगी के बिना यह समारोह इतनी ऊँचाइयों तक नहीं पहुँच सकता था।

क्लोजिंग फ़िल्में रहीं – सन्स एण्ड फादर्स और मूविंग पार्ट्स

जिफ की क्लोजिंग सेरेमनी में श्रीलंका की फिल्म निर्देशक सुमथी सिवामोहन की फिल्म सन्स एण्ड फादर्स दिखाई गई। साथ ही एमिले उपजैक की फिल्म मूविंग पार्ट्स प्रदर्शित हुई, जो त्रिनिदाद एण्ड टोबेगो से आई फ़ीचर फ़िक्शन फिल्म है।

११ देशों के फ़िल्मकारों ने किया संवाद

दोपहर के सत्र में ११ देशों के फ़िल्मकारों के लिए एक खुला संवाद रखा गया, जिसमें फ़िल्मों से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा हुई। शॉर्ट फिल्म बनाने से लेकर इसे बाज़ार तक पहुँचाने के सफ़र पर बातचीत हुई। जाने – माने अभिनेता और कई फ़िल्मों में सह – निर्देशन तथा स्क्रिप्टिंग कर चुके मानव कौशिक ने कहा कि अब शॉर्ट फिल्म बनाना आसान हो गया है, और मोबाइल पर भी फिल्म बनाई जा सकती है। वहीं, फिल्म निर्देशक सत्यप्रकाश ने कहा कि फिल्म में यदि इमोशनल और रिएलिटी दिखाई गई हो, तो फिल्म दर्शकों को ज़रूर पसंद आएगी। वहीं, दर्शकों की ओर से भी यह सुझाव रखा गया कि फ़िल्मकारों को महज़ मनोरंजन परोसने के बजाय देश के असल मुद्दों जैसे भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और इस तरह की समस्याओं पर फ़िल्में बनाने के बारे में सोचना चाहिए।

जारी रही फ़िल्मों की स्क्रीनिंग

आर्यन जिफ २०१९ के पाँचवे दिन कई फ़िल्में प्रदर्शित हुईं। अभिषेक साहा की बंगाली में बनी फिल्म रनअवे प्रदर्शित हुई, वहीं बांग्लादेश से नूर इमरान की फिल्म कोमोला रॉकेट [एन ऑरेंज शिप] दिखाई गई। गोलछा सिनेमा के टिवोली में सुलिल कुमार एस. की तमिल फिल्म दा ब्रोकन टाइड, पाकिस्तान के हरून हबीब की फिल्म रीवर इन द डेज़र्ट, सोहिल वैद्य की डिफिकल्ट पीपल और कई दूसरी फ़िल्मों की स्क्रीनिंग हुई। गोलछा सिनेमा के नाइल में पाकिस्तान के हमज़ा बंगाश की फिल्म दिया, मॉरीशस के हरीकृष्णा अनेन्देन की फिल्म सारी का प्रदर्शन हुआ। वहीं, राजस्थान एडल्ट असोसिएशन जयपुर में आशीष चनाना की आफ़रीन, अऩुराग कवातरा की कुछ देर और, तथा महाराष्ट्र की लोक कला पर आधारित फिल्म फड़ – अ महाराष्ट्रीयन फोक आर्ट दिखाई गई, जिसे धनंजय खैरनार ने निर्देशित किया
अवॉर्ड्स नाइट में कई देशी – विदेशी फ़िल्मों को विविध पुरस्कारों से नवाज़ा गया। वर्डवुड इंटरनेशनल पैनोरमा फ़ॉर इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म श्रेणी के अन्तर्गत बेस्ट शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म का अवॉर्ड अफ़ग़ानिस्तान की फिल्म माय अफ़ग़ान डायरी को दिया गया, जिसे आरज़ू क़ादरी ने निर्देशित किया है। शॉर्ट फ़िक्शन फिल्म श्रेणी में बेस्ट शॉर्ट फिल्म का अवॉर्ड स्वीडन की फिल्म सैकण्ड क्लास को दिया गया, जिसके निर्देशक हैं ज़ख़्मी ऑल्सन। इसी श्रेणी में बेस्ट स्क्रिप्ट का अवॉर्ड डेट नाइट फिल्म को दिया गया, जिसे रोमानिया के स्टेला पेलिन ने निर्देशित किया है। बेस्ट सिनेमेटोग्राफ़र का अवॉर्ड जोएकिम जुटी की फिल्म गुडबाय को दिया गया।

कमिंग स्टार्स पैनोरमा [ओनली फ़ॉर स्टूडेंट्स] श्रेणी के अन्तर्गत बेस्ट अपकमिंग फिल्म का अवॉर्ड लेबनान की फिल्म दा डाँस ऑफ़ अमल को दिया गया, जिसके निर्देशक हैं रामि अल राबिह। राजस्थान को समर्पित फ़िल्मों में, यू – टर्न राजस्थान पैनोरमा श्रेणी के अन्तर्गत बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड अंकित शर्मा और नेहा शर्मा की फिल्म न्यू गर्ल को दिया गया। वहीं, स्पेशल ज्यूरी मेंशन फ़ॉर राजस्थान का अवॉर्ड रिचा मीना और माइकल कुमेर की फिल्म घुमन्तू को दिया गया।

एनिमेशन फ़िल्मों की श्रेणी में, बेस्ट एनिमेशन फिल्म का अवॉर्ड रोमानिया के सेर्गिउ नेगुलिसि की दा ब्लिसफुल एक्सीडेंटल डैथ को दिया गया।

बिफोर आइ फॉर्गेट फिल्म को मिले सबसे ज़्यादा अवॉर्ड्स

फ़ीचर फिल्म के लिए गोल्डन कैमल श्रेणी में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड, ब्राज़ील की फिल्म बिफोर आइ फॉर्गेट के निर्देशक टिआगो आराकिलियन को दिया गया। ग़ौरतलब है कि बिफोर आइ फॉर्गेट सबसे ज़्यादा अवॉर्ड हासिल करने वाली फिल्म है। इसे यैलो रोज़ कैटेगरी में, अपकमिंग फिल्म विद वर्ड प्रीमियर का अवॉर्ड मिला। इसी फिल्म की अभिनेत्री को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला। वहीं, बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी इसी फिल्म के अभिनेता के नाम रहा। बेस्ट फिल्म फ़्रॉम अमेरिकन कॉन्टिनेंट का अवॉर्ड बिफोर आइ फॉर्गेट फिल्म के नाम रहा।

बेस्ट सिनेमेटोग्राफ़ी अवॉर्ड शाद अली की फिल्म सूरमा को दिया गया। बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन का अवॉर्ड भी इसी फिल्म को मिला।

१० डेज़ बिफोर दा वैडिंग फिल्म को कई अवॉर्ड्स मिले। बेस्ट मेक अप एण्ड हेयरस्टाइलिंग और बेस्ट कॉस्ट्यूम्स डिज़ाइन का अवॉर्ड इसी फिल्म के नाम रहा।

स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवॉर्ड, ईरान के हुसैन नूरी की फिल्म माय आम्स फ्लू को मिला, वहीं राजस्थान की फ़िल्मों में, स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवॉर्ड गजेन्द्र क्षोत्रिय की चर्चित फिल्म कसाई और लोम हर्ष की फिल्म ये है इण्डिया को मिला।

बेस्ट जयपुर क्रिटिक्स फिल्म, उए श्वर्जवाल्डर की फिल्म दा रैडिकलाइजेशन ऑफ़ जैफ़ बोइड रही। वहीं, वैलकम रिगार्ड – फ़ीचर फिल्म का अवॉर्ड कजाकिस्तान के ओल्गा कोरोट्को की फिल्म बैड बैड विनर को दिया गया। बेस्ट फिल्म फ़्रॉम एशियन कॉन्टिनेंट का अवॉर्ड सुडानी फ़्रॉम नाइजीरिया के नाम रहा। वहीं, बेस्ट फिल्म फ़्रॉम यूरोपियन कॉन्टिनेंट का अवॉर्ड, फिल्म दा रैडिकलाइजेशन ऑफ़ जैफ़ बोइड के नाम रहा।

डॉक्यूमेंट्री फ़ीचर फिल्म के लिए, गोल्डन कैमल कैटेगरी में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड जर्मनी की फिल्म क्लाइमेट वॉरियर्स के नाम रहा। ग्रीन रोज कैटेगरी में ग्लोबल मैसेज देने वाली फिल्म का अवॉर्ड यू.एस.ए. की फिल्म पॉइन्ट ऑफ़ नो रिटर्न को मिला। यैलो रोज़ कैटेगरी में अपकमिंग फिल्म विद वर्ड प्रीमियर का अवॉर्ड अभिमन्यु कुकरेजा की फिल्म रॉक्यूमेंट्री – इवोल्यूशन ऑफ़ इंडियन रॉक को मिला।

इंटरनेशनल स्क्रीनप्ले कॉम्पिटिशन में, फस्ट टॉप स्क्रीनप्ले अवॉर्ड फिल्म ट्रॉमा को मिला। इसे शीला संधि और पूजा बलुटिया ने निर्देशित किया है। सैकण्ड टॉप स्क्रीनप्ले अवॉर्ड यू.एस. की फिल्म स्टोन कोल्ड क्रेज़ी मदर टकर को मिला, जिसे कैटरीना पावर्स ने लिखा है। थर्ड टॉप स्क्रीनप्ले अवॉर्ड मैक्सिको की फिल्म वूल्फ एण्ड दा मून को मिला, जिसे रिकार्डो गोमेज़ ने लिखा है।

बेस्ट वेब सीरीज़ का अवॉर्ड, अमित खन्ना की फिल्म ऑल अबाउट सैक ३७७ पायलट को मिला। बेस्ट मोबाइल फिल्म का अवॉर्ड ज्ञानेन्द्रिय शमाह की फिल्म थैय्यम-डाँस ऑफ़ गॉड्स के नाम रहा। बेस्ट सॉन्ग का अवॉर्ड साउथ अफ़्रीका की शशिका मूरूथ की फिल्म राफ्ता राफ्ता के नाम रहा। वहीं, बेस्ट म्यूज़िक वीडियो का अवॉर्ड यधु कृष्णन की फिल्म चॉइस को मिला। राजस्थान पत्रिका को बेस्ट मीडिया कवरेज अवॉर्ड के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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